नर्सिंग कॉलेज घोटाला: हाईकोर्ट के आदेश पर नर्सिंग काउंसिल ने जारी की डिफिशिएन्ट कॉलेजों की सूची

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मन्दसौर के 2, नीमच के 3 व रतलाम के 7 नर्सिंग कॉलेजों ने पूरे नही किए मापदण्ड

मन्दसौर । प्रदेश के लंबे समय से चल रहे नर्सिंग कॉलेज घोटाले में हाईकोर्ट के निर्देश पर मध्यप्रदेश नर्सिंग कौंसिल ने एक सूची डिफिशिएन्ट कॉलेजों के जारी की है, जिसमें प्रदेश के करीब 100 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों का नाम शामिल है। मध्यप्रदेश नर्सिंग कौंसिल ने दिनांक 27/11/2024 को हाइकोर्ट जबलपुर के प्रकरण क्रमांक wp1080/2022 में पारित आदेश दिनांक 21/11/2024 के अनुसार डिफिशिएन्ट संस्थाओं की रिपोर्ट पेश की है।
इससे पूर्व जारी हुई सूची में प्रदेश के 169 नर्सिंग कॉलेज जांच में मानक पूर्ण यानी सूटेबल कैटेगरी में पाए गए है । किन्तु सीबीआई निरीक्षक के रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर पुनः जांच हुई जिसमें कुछ सूटेबल कॉलेज डिफिशिएन्ट कैटेगरी में शामिल हो गए।
मध्यप्रदेश नर्सिंग कौंसिल ने गत दिवस जो सूची जारी की उसमें मन्दसौर के दो कॉलेज जिसमे पशुपति कॉलेज ऑफ नर्सिंग मन्दसौर और ज्ञान विहार कॉलेज ऑफ नर्सिंग भैसोदा का नाम है। इसी प्रकार नीमच के ज्ञानोदय इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, संजीवनी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, आरबीएस इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग व रतलाम के सात कॉलेज जिसमे माही कॉलेज ऑफ नर्सिंग सरवन, डॉ. एमबी शर्मा नर्सिंग कॉलेज, सरदार पटेल नर्सिंग कॉलेज, आरोग्य इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, आधार कॉलेज ऑफ नर्सिंग, सैलाना कॉलेज ऑफ नर्सिंग, माही कॉलेज सैलाना का नाम शामिल है।

25 प्रतिशत रह जाएगी नर्सिंग कॉलेजों की सीटें, MP के 24 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में से 15 को मिली मान्यता, बाकी पर असमंजस
निजी कॉलेज तो दूर प्रदेश के सरकारी नर्सिंग कॉलेज भी मान्यता की कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे हैं। प्रदेश के 24 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में से 15 का मान्यता नवीनीकरण मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने जारी कर दिया है। शेष नौ की मान्यता पर अभी भी असमंजस है।
मान्यता का नवीनीकरण
बता दें, सरकार ने तय किया है कि सत्र 2024-25 में नए कॉलेज नहीं खोले जाएंगे। सीबीआइ व हाई कोर्ट द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर मान्यता का नवीनीकरण किया जाना है। निजी कॉलेजों के मान्यता नवीनीकरण की सूची एक सप्ताह में जारी होने की उम्मीद है। इस सत्र में जीएनएम (डिप्लोमा) और बीएससी नर्सिंग में प्रवेश के लिए कर्मचारी चयन मंडल से पहले ही प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। इसी आधार पर कॉलेजों में प्रवेश होंगे।
हालांकि, इस बार कॉलेजों की संख्या कम रहने से सीटें 10 हजार से कम ही रहने की उम्मीद है। नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा उजागर होने के पहले वर्ष 2020-21 तक 40 हजार से अधिक सीटें रहती थीं।

Yogesh Porwal
Author: Yogesh Porwal

वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।

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