मृतिका को प्रेम जाल में फंसा कर उसका अश्लील वीडियो बनाकर उसे बदनाम करने की धमकी देकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए प्रेरित किया
मन्दसौर। माननीय न्यायालय चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश महोदय द्वारा दिये गये निर्णय में आरोपी फरीद पिता उस्मान मेवाती पता जमालपुरा थाना वायडी नगर जिला मंदसौर को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने पर 4 वर्ष का आजीवन कारावास एवं जुर्माना की सजा सुनाई गई है।
अपर लोक अभियोजक भगवती लाल शर्मा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिनांक 2 जून 2022 के होकर ग्राम गुजरदा तहसील मंदसौर की है। मुलजिम फरीद पर धारा 306, 201 के अंतर्गत इस आशय का आरोप था कि उसने दिनांक 2 जून 2022 को एवं इसके पूर्व ग्राम गुजरदा में मृतिका को प्रेम जाल में फंसा कर उसका अश्लील वीडियो बनाकर उसे बदनाम करने की धमकी देकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए प्रेरित किया जिसके परिणाम स्वरूप मृतका ने दिनांक 2 जून 2022 को बुगलिया रोड पर स्थित कुएं में कूद कर आत्महत्या कर ली। आरोपी फरीद ने साक्ष्य छुपाने के आश्रय से मोबाइल की सीम तोड़कर फेंक दी । पुलिस द्वारा जांच में यह भी पाया गया कि मृत्यु के पूर्व दिनांक 28 मार्च 2022 को पीजी गर्ल्स कॉलेज मंदसौर में मृतिका का आखिरी पेपर था और उस दिन पेपर देकर घर आने पर वह काफी घबराई हुई थी ,मानसिक रूप से तनाव में थी, और उसके घर के लोगों द्वारा उसे पूछने पर वह रोने लगी थी। उसने उसकी मामी को बताया था, कि फरीद पिता उस्मान मेवाती निवासी जमालपुर के साथ उसकी दोस्ती हो गई थी फरीद के मुसलमान होने से वह उससे दूर रहना चाहती थी,लेकिन फरीद ने उसके साथ जबरदस्ती कर आए दिन उसका पीछा कर उसे प्रताड़ित कर बदनाम करने की धमकी देकर बोलता था कि यदि वह उससे बात नहीं करेगी तो वह दोनों के बीच में क्या चल रहा है, इस संबंध को सबको बता देगा । मृतका की मौत फरीद के द्वारा दोस्ती के नाम पर प्रेम जाल में फंसा कर उसको प्रताड़ित कर बदनाम करने की धमकी देने के कारण मानसिक प्रताड़ना की वजह से कुएं में कुदकर आत्महत्या की है। पुलिस द्वारा विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिस पर से अभियोजन पक्ष की ओर से 12 साक्षियों के बयान न्यायालय में कराए गए और संपूर्ण मामला न्यायालय के समक्ष स्पष्ट रूप से रखा तथा यह प्रमाणित किया कि आरोपी फरीद के कारण ही मृतका ने आत्महत्या की है। अपराध प्रमाणित पाते हुए माननीय चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश विवेक बुखारिया द्वारा आरोपी को 4 वर्ष की कठोर कारावास एवं 5000 रु जुर्माना से दंडित किया गया। उपरोक्त मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सफल पैरवी शासकीय अधिवक्ता एवं अपर लोक अभियोजक एवं लोक अभियोजक भगवतीलाल शर्मा, तेजपाल सिंह शक्तावत, भगवान सिंह चौहान द्वारा की गई।

Author: Dashpur Disha
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