जिला पंचायत की बैठक में स्वास्थ्य विभाग पर लगे आरोपों का सीएमएचओ ने किया खंडन, विभाग के बाबू की फेसबुक पोस्ट ने मचाया हड़कंप

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दशपुर दिशा । योगेश पोरवाल
मंदसौर। जिला पंचायत की साधारण सभा की बैठक में स्वास्थ्य विभाग पर लगाए गए गंभीर आरोपों को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गोविंद सिंह चौहान ने पूर्णतः निराधार और तथ्यहीन करार दिया है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के ही एक बाबू प्रकाश बनोधा की फेसबुक पोस्ट ने विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के दावों को लेकर हड़कंप मचा दिया।

सीएमएचओ का बिंदुवार खंडन
डॉ. चौहान ने 11 जुलाई 2025 को हुई जिला पंचायत की बैठक में स्वास्थ्य विभाग पर लगे आरोपों का प्रेस नोट जारी कर खंडन किया। उनके अनुसार:
1.अटैचमेंट नियुक्तियों में वसूली का आरोप: यह आरोप कि अटैचमेंट नियुक्तियों के नाम पर ₹50,000 से ₹2 लाख तक की वसूली हो रही है, पूरी तरह गलत है। अटैचमेंट व्यवस्था प्रशासकीय सुविधा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए है, जिसमें कोई आर्थिक लेनदेन नहीं होता।
2.अनुकंपा नियुक्तियों में भ्रष्टाचार: अनुकंपा नियुक्तियों में लाखों रुपये की वसूली का आरोप भी निराधार है। ये नियुक्तियां शासकीय नियमों के तहत रिक्त पदों पर ही की जाती हैं, और विलंब होने का कारण रिक्त पदों की अनुपलब्धता हो सकती है।
3.फर्जी डिग्रीधारी को प्राचार्य बनाने का आरोप: नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य की नियुक्ति का निर्णय शासन स्तर पर होता है, और योग्यता का सत्यापन भी शासकीय प्रक्रिया के तहत किया जाता है। यह आरोप गलत सूचना पर आधारित है।
4.प्रचार-प्रसार में अनियमितता: प्रचार-प्रसार के निर्णय सामूहिक विचार-विमर्श और अनुमोदन के बाद लिए जाते हैं, जिसमें पारदर्शिता सुनिश्चित की जाती है।
5.आयुष्मान योजना में धांधली: योजना में अनियमितता की शिकायत पर जिला स्तर से राज्य स्तर को सूचित किया जाता है, और कार्रवाई का अधिकार राज्य स्तर पर है। विभाग इसमें पूर्ण सहयोग कर रहा है।
डॉ. चौहान ने जिला पंचायत सदस्यों से तथ्य आधारित जानकारी पर भरोसा करने और बिना पुष्टि के आरोप न लगाने की अपील की।

बाबू की फेसबुक पोस्ट ने मचाया तहलका
स्वास्थ्य विभाग के बाबू प्रकाश बनोधा ने फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि उनकी वास्तविक पदस्थापना (सीएमएचओ कार्यालय) से हटाकर सिविल सर्जन कार्यालय में स्थानांतरित किया गया, जिसमें सीएमएचओ के भतीजे जयदीप का हाथ है, जो शासकीय सेवा में नहीं है। बनोधा ने आरोप लगाया कि यह स्थानांतरण भ्रष्टाचार में बाधा बनने के कारण किया गया।

उन्होंने नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य सीमा टीले की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए, दावा करते हुए कि वह इस पद के लिए नियमानुसार योग्य नहीं हैं। बनोधा ने कहा कि उनकी 2017 की 218 पृष्ठ की जांच रिपोर्ट, जिसमें यशपाल राठौर पर अवैध नियुक्तियों के आरोप थे, को शिकायत शाखा से गायब कर दिया गया। उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने की बात भी कही, जो उन्हें नहीं दी गई।

पोस्ट हटाने और पुनः डालने का सिलसिला
प्रकाश बनोधा की इस पोस्ट ने स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया। हालांकि, बाद में उन्होंने पोस्ट हटा ली, लेकिन जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे इसे फिर से डालेंगे। बाद में उन्होंने पोस्ट पुनः डाली और फिर हटा ली।
इनकी पोस्ट के सम्बन्ध में जब सीएमएचओ कार्यालय के बाबू यशपाल सिंह से चर्चा की गई तो उन्होंने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा कि वे मानहानि का नोटिस देंगे।

सीएमएचओ डॉ.चौहान भले ही पारदर्शिता और नियमों का पालन करने की बात करें, लेकिन पिछले दिनों जिला पंचायत सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोपों और विभाग के बाबू प्रकाश बनोधा की फेसबुक पोस्ट ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ समय पहले भी सीएमएचओ पर लोकायुक्त प्रकरण भी दर्ज हुआ है। जिला पंचायत की बैठक में उठे मुद्दों और विभाग के भीतर की कथित अनियमितताओं को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है। जनता और प्रशासन के बीच विश्वास बनाए रखने के लिए इन आरोपों की निष्पक्ष जांच जरूरी है।

Yogesh Porwal
Author: Yogesh Porwal

वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।

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