मंदसौर नगरपालिका के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी हेमचंद शर्मा पर भ्रष्टाचार का आरोप: हेमचंद के खिलाफ नागरिकों और कर्मचारियों ने विधायक को की शिकायत

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दशपुर दिशा । योगेश पोरवाल
मन्दसौर। मंदसौर नगरपालिका के कर्मचारी हेमचंद शर्मा पर भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के गंभीर आरोप लगे हैं। शहर के नागरिकों, गौ पालक परिवारों की महिलाओं और नगरपालिका कर्मचारियों ने विधायक विपिन जैन के कार्यालय पहुंचकर शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज की। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि शर्मा न केवल भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, बल्कि आम जनता और कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार भी करते हैं।

गौ पालकों का आरोप: मवेशियों के लिए मांगी रिश्वत
गीताबाई नामक एक महिला ने बताया कि हेमचंद शर्मा ने उनके मवेशियों को जबरन ट्रॉली में भरकर गौशाला पहुंचा दिया। जब मवेशियों को छुड़वाने की बात आई तो शर्मा ने प्रति मवेशी 5,000 रुपये की मांग की। यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी सफाई कर्मचारियों ने शर्मा के खिलाफ विधायक से शिकायत की थी।

संबल योजना में भी भ्रष्टाचार
खानपुरा निवासी एक वृद्ध महिला ने संबल योजना के तहत अपनी पति की मृत्यु के बाद लाभ लेने के लिए नगरपालिका में आवेदन किया था। आरोप है कि शर्मा ने एक साल तक इस प्रकरण में कमियां निकालकर महिला को परेशान किया और आर्थिक लाभ की मंशा से गलत आधार पर प्रकरण खारिज कर दिया। हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद शर्मा ने इसे मानने से इनकार किया। इसके खिलाफ एसडीएम कोर्ट में अपील की गई, जहां तथ्यों के आधार पर शर्मा के आदेश को निरस्त कर महिला के पक्ष में फैसला सुनाया गया।

हालांकि, शर्मा ने एसडीएम कोर्ट के आदेश के बाद भी मनमानी जारी रखी। उन्होंने श्रम विभाग को पत्र लिखकर अनावश्यक अभिमत मांगा और सीएम हेल्पलाइन में गलत जवाब देकर शासन को गुमराह करने की कोशिश की। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि शर्मा मृत्यु प्रमाण पत्र, संबल योजना की अनुग्रह राशि और अंत्येष्टि राशि में भी कमीशन की मांग करते हैं।

कलेक्टर को लिखा पत्र, जनसुनवाई में भी शिकायत
शहर के दर्जनों नागरिकों और महिलाओं ने विधायक विपिन जैन के समक्ष शर्मा की शिकायत की। इसके बाद विधायक ने 05 जुलाई 2025 को कलेक्टर को पत्र लिखकर जनता की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया। कलेक्टर की जनसुनवाई में भी शर्मा के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई हैं।

एनजीओ और कर्मचारी भी असंतुष्ट
शहर में कार्यरत एनजीओ ने भी शर्मा के कार्य व्यवहार पर असंतोष जताया है। आरोप है कि शर्मा खुद को बड़ा अधिकारी समझते हैं और नगरपालिका कर्मचारियों के साथ अभद्रता करते हैं।

जनता की मांग: हटाया जाए स्वास्थ्य अधिकारी पद से
शहरवासियों का कहना है कि शर्मा जैसे भ्रष्ट कर्मचारी के कारण नगरपालिका की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने मांग की है कि शर्मा को स्वास्थ्य अधिकारी पद से हटाकर लूप लाइन में डाला जाए।
यह मामला मंदसौर में चर्चा का विषय बना हुआ है। जनता और कर्मचारियों की शिकायतों के बाद अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं।
यहां समझने वाली बात ये है कि जब इस भ्रष्ट कर्मचारी हेमचंद शर्मा के विरुद्ध इतनी शिकायते है, ये जनप्रतिनिधियों और भाजपा नेताओं की भी नहीं सुनता, अकड़ इतनी की खुद को नगरीय प्रशासन का आयुक्त समझता है। कोई जनप्रतिनिधि भी किसी विषय में चर्चा के लिए इसे फोन लगाता है उसे ये नियम कायदे बताकर टाल देता है इसके बावजूद भाजपा इसे क्यों झेल रही है। ये 9 साल से पदस्थ बताया जा रहा है दो चार साल और रहेगा तो आधा शहर भाजपा के विरूद्ध कर देगा।

Yogesh Porwal
Author: Yogesh Porwal

वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।

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