मल्हारगढ़ (गोपाल मालेचा)। स्थानीय बस स्टैंड के मुख्य चौराहे पर फोरलेन सड़क पर बढ़ते हादसों और मौतों को रोकने के लिए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने 34 करोड़ रुपये की लागत से 800 मीटर लंबे फ्लाई ओवर ब्रिज की स्वीकृति दी थी। इस घोषणा के बाद क्षेत्रवासियों को उम्मीद थी कि निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा और दुर्घटनाओं से राहत मिलेगी। हालांकि, महीनों बीत जाने के बावजूद ब्रिज निर्माण की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है, जिससे यह आशंका गहरा रही है कि कहीं यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में तो नहीं चला गया?
मल्हारगढ़ बस स्टैंड के दोनों ओर बसे शहर के हजारों लोग, जिसमें महिलाएं, बच्चे और दोपहिया वाहन चालक शामिल हैं, रोजाना फोरलेन सड़क पार करते हैं। दिल्ली-मुंबई मार्ग पर भारी वाहनों का लगातार आवागमन इस क्षेत्र को अत्यंत जोखिम भरा बनाता है। अब तक फोरलेन पर हुए हादसों में 34 लोगों की जान जा चुकी है। खासकर रात के समय स्थिति और भयावह हो जाती है। ऐसे में फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण न केवल सुविधा, बल्कि लोगों की जान बचाने की जरूरत है।

सूत्रों के अनुसार, कुछ स्थानीय दुकानदारों ने ब्रिज निर्माण का विरोध किया है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री से मुलाकात कर तर्क दिया कि ब्रिज बनने से उनकी आजीविका प्रभावित होगी और उनके परिवार भूखे मर जाएंगे। यह तर्क हैरान करने वाला है, क्योंकि जिन दुकानदारों ने लाखों-करोड़ों की संपत्ति बनाई है, उनके लिए इस तरह का दावा अविश्वसनीय लगता है। इसके अलावा, कुछ दुकानदारों ने सरकारी नाले पर अतिक्रमण कर स्थायी निर्माण तक कर लिया है, जो निर्माण कार्य में बाधा बन सकता है।
क्षेत्रवासी उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा से अपील कर रहे हैं कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दें और फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण को जल्द शुरू करवाएं। लोगों का कहना है कि देरी के कारण हर पल दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। सवाल उठता है कि क्या सरकार और प्रशासन अभी भी और हादसों का इंतजार कर रहे हैं?
Author: Yogesh Porwal
वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।









