पत्रकार मुकेश चंद्राकर की नृशंस हत्या के विरोध में मन्दसौर के पत्रकारों ने जताया आक्रोश, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

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मृतक के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग

मंदसौर। मंगलवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की नृशंस हत्या के विरोध में मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल छत्तीसगढ़ तथा गृहमंत्री भारत सरकार नईदिल्ली के नाम एक ज्ञापन एसडीएम शिवलाल शाक्य को सौंपा। ज्ञापन में विगत दिनों छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश की ठेकेदार सुरेश और उसके साथियों द्वारा निर्ममतापूर्वक की गई हत्या का पुरजोर विरोध किया। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि इस मामले में हत्या को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी सुरेश को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन मुकेश के शव का पीएम करने वाले चिकित्सकों का कहना है कि हत्या की वारदात को केवल दो आरोपी द्वारा अंजाम देना संभव नहीं दिखता है मौके पर आरोपियों की संख्या ज्यादा रही होगी। ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाकर जो भी इस हत्याकांड में शामिल है उन्हें भी जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जायें और सभी आरोपियों पर से कठोर कार्यवाही की जायें। पत्रकार मुकेश की पोस्टमॉर्टम करने वाले चिकित्सक ने रिपोर्ट में बताया कि उसके सिर पर चोट के 15 फ्रैक्चर मिले, लिवर 4 टुकड़ो में मिला, गर्दन टूटी हुई थी और हार्ट भी फट गया था। 5 पसलियां भी टूटी हुई थीं। इस तरह के कृत्य की मंदसौर पत्रकारगण घोर निंदा करते हैं और यह मांग करते है कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सरकार ठोस कदम उठाए, ताकि पत्रकारगण लोकतंत्र में निष्पक्ष एवं निर्भीक होकर अपना कार्य कर सकें। ज्ञापन का वाचन यंग मीडिया क्लब के अध्यक्ष महावीर जैन ने किया। आभार क्लब के उपाध्यक्ष विपिन चौहान ने माना।
पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग
इस दौरान यंग मीडिया क्लब द्वारा मध्यप्रदेश और जिले में पत्रकारों पर हो रहे हमले और झूठे मुकदमे दर्ज करने के मामले में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर सख्त कदम उठाने की मांग की गई। साथ ही लंबे समय से पत्रकारों के हित में अविलंब पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाएं।
ज्ञापन में थी प्रमुख मांगे
1 मंदसौर पत्रकार जगत ने छत्तीसगढ सरकार से मांग की गई पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड को जघन्य हत्याकांड में शामिल कर प्रकरण को फास्ट्रेक कोर्ट ने चलाया जाएं। सभी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएं।
2. पत्रकार मुकेश चंद्राकर के परिवार को एक करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता तत्काल दी जायें एवं परिवार की आजीविका हेतु परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जायें।
3. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश सरकार पत्रकारों के हित में अविलंब पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करें।

इस मौके पर प्रेस क्लब अध्यक्ष पुष्पराजसिंह राणा, युवा प्रेस क्लब अध्यक्ष महावीर जैन, श्रमजीवी पत्रकार संगठन के प्रीतीपालसिंह राणा, संपादक संघ के अनिल जोशी, वरिष्ठ पत्रकार आलोक शर्मा, प्रकाश सिसौदिया, अजय लोढ़ा, लोकेश पालीवाल, राहुल सोनी, विकास तिवारी, अभिषेक विद्यार्थी, मनीष पुरोहित, चरण राजपाल, औंकारसिंह, संजय भाटी, यंग मीडिया क्लब उपाध्यक्ष विपिन चौहान, सचिव देवेन्द्र मोर्य, कोषाध्यक्ष किशोर ग्वाला, संयुक्त सचिव प्रदीप कारपेंटर, ललित पटेल, सचिन जैन, ललित भाटी, चित्रेश सोनी, जितेश जैन, ललित शंकर धाकड़, शुभम चौहान, ओम बड़ोदिया, नीलेश भारद्वाज, जगदीश वसुनिया, अभिषेक अरोरा, शाहीद पठान, गोविन्द पाटीदार, अजयसिंह तोमर, निखिल चरेड़, देवेन्द्र शर्मा, नंदकिशोर, जितेन्द्र देवड़ा, लक्ष्मण जटिया, दुर्गेश शर्मा, राकेश सेन, राजु सोनी, गोपाल मंगोलिया, राहुल पोरवाल, नितेश पाटीदार, उमेश सुहाना, सेफी बैंक के अध्यक्ष विनय दुबेला सहित अन्य पत्रकार और सामाजिक संगठन के जागरूक नागरिक मौजूद रहें।

Yogesh Porwal
Author: Yogesh Porwal

वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।

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