20 करोड़ के स्कूल शिक्षा घोटाले में शिक्षाकर्मी और रिश्तेदारों के ठिकानों पर ED की छापेमारी

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अलीराजपुर। मंगलवार सुबह अलीराजपुर जिला मुख्यालय के कट्ठीवाड़ा खंड शिक्षा कार्यालय में पूर्व में पदस्थ रहे शिक्षाकर्मी (बाबू) कमल राठौर और उनके रिश्तेदारों के ठिकानों पर अचानक छापेमारी की गई। यह कार्रवाई सुबह 9 बजे शुरू हुई, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को मशीन गनों के साथ तैनात किया गया। इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह छापेमारी किस जांच एजेंसी द्वारा की गई, लेकिन इसने दो साल पुराने 20 करोड़ रुपये से अधिक के गबन के मामले को फिर से सुर्खियों में ला दिया।

20 करोड़ से अधिक का गबन, 135 खातों में राशि हस्तांतरण
यह मामला वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच कट्ठीवाड़ा खंड शिक्षा कार्यालय में हुए 20 करोड़ 47 लाख 12 हजार 727 रुपये के गबन से जुड़ा है। कोषागार और लेखा निदेशालय (डीटीए) द्वारा अगस्त 2023 में की गई जांच में डीडीओ कोड 4902506054 के खाते से संदिग्ध भुगतान सामने आए। जांच में पता चला कि 135 से अधिक बैंक खातों में राशि हस्तांतरित की गई, जिनमें से कई खाते कमल राठौर और उनके रिश्तेदारों के नाम पर थे। इनमें 35 खाते “राठौर” उपनाम वाले रिश्तेदारों के थे।

फर्जी बिलों और भुगतान का खेल
जांच में खुलासा हुआ कि गबन की राशि फर्जी बिलों और भुगतानों के जरिए निकाली गई। यह राशि पेंशन, वेतन, बकाया, और छात्रवृत्ति के नाम पर जाली दस्तावेज तैयार करके हस्तांतरित की गई। भोपाल कोषागार निदेशालय की जांच में भी कमल राठौर के डीडीओ कोड से संदिग्ध लेन-देन की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (आपराधिक विश्वासघात), 467, 468, 471 (जालसाजी), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 74, और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(बी) के तहत मामला दर्ज किया।

आरोपियों की गिरफ्तारी और जमानत
इस मामले में तत्कालीन तीन खंड शिक्षा अधिकारियों, दो लेखापालों, और एक प्रधानाध्यापक सहित कुल छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई। मुख्य आरोपी कमल राठौर को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें जमानत मिल चुकी है। अन्य आरोपी भी अग्रिम जमानत पर रिहा हैं। वर्तमान में पुलिस उनकी जमानत रद्द करने की प्रक्रिया में जुटी है। कलेक्टर ने सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग (एजेएके), को प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए थे।

आगे की कार्रवाई और संभावित खुलासे
एजेंसी की इस ताजा छापेमारी से स्पष्ट है कि जांच अब और गहराई से आगे बढ़ेगी। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां या नए खुलासे होने की संभावना है। यह मामला शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और वित्तीय धोखाधड़ी के बड़े मामलों में शुमार हो रहा है।

Dashpur Disha
Author: Dashpur Disha

दशपुर दिशा समाचार पत्र भारत के प्रेस महापंजीयक कार्यालय नई दिल्ली से पंजीकृत है। दशपुर दिशा मालवांचल में खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित समाचार पत्र है। www. dashpurdisha.com हमारी अधिकृत वेबसाइट है।

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