मोबाइल टॉवर लगाने को लेकर विवाद, ठेकेदार पर गुंडागर्दी के आरोप

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

मल्हारगढ(गोपाल मालेचा)। मल्हारगढ़ में वार्ड क्र 5 के रहवासी इलाके में मोबाइल टॉवर लगाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय लोगों ने मोबाइल टॉवर को लेकर विरोध तेज हो गया है । मामला तहसील कार्यालय से लेकर नगर परिषद तक पहुँच गया है। ठेकेदार स्थानीय रहवासी ओर नेता प्रतिपक्ष के बीच काफी देर तक वार्तालाप होती रही । ठेकेदार ओर उसके गुर्गों द्वारा रहवासी को धमकियां भी दी गई। टॉवर लगाने का ठेका लिए ठेकेदार पर आरोप है कि वह गुंडागर्दी पर उतर आया है निर्माण स्थल पर ओर नगर परिषद में भी खुलेआम धमकियाँ दे रहा था । इसके चलते रहवासियों में भारी रोष है। निर्माण को लेकर विपक्ष का कड़ा रुख इस्तेमाल करते कहा की ‘रहवासी इलाके में टॉवर किसी भी कीमत पर नहीं लगने देंगे । नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष व पार्षद विजेश मालेचा ने स्पष्ट कहा कि किसी भी स्थिति में रहवासी क्षेत्र में मोबाइल टॉवर नहीं लगने दिया जाएगा। उन्होंने प्रशासन से जल्द हस्तक्षेप करने की माँग की है।
भाजपा जिलाध्यक्ष के वार्ड क्र 5 का यह मामला है । जहाँ भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित के वार्ड क्रमांक 5 से जुड़ा है, जिससे राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि वार्ड वाले परेशान है स्थिति गंभीर बनती जा रही है और हमारे ही वार्ड के भाजपा जिलाध्यक्ष पंडित राजेश दीक्षित की ओर से कोई मदद नही मिल पाई है । अब देखना होगा कि प्रशासन इस विवाद पर क्या कदम उठाता है और क्या सच में रहवासी इलाके में यह मोबाइल टॉवर लगेगा या नहीं।
धार्मिक स्थलों की ओर भी ध्यान दिया जाए तो पास ही अति प्राचीन भवानी माता मंदिर है जिसका जीर्णोद्धार भी क्षेत्र के विधायक उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने भी करीब 12 करोड़ की राशि स्वीकृत कर रखी है । इस मंदिर में भी नवरात्रि में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है । और पास ही मस्जिद भी बनी है जहाँ शुक्रवार ओर प्रतिदिन नवाज पड़ने के मुश्लिम आते है । अगर कोई घटना भविष्य में होती है तो सकरे रास्ते मे सुविधाएं पहुचाना भी भारी पड़ सकता है । नगर परिषद के सीएमओं राजेश गुप्ता का कहना है कि आजकल सारी प्रकिया जिले से होती है इसमें हमारा कोई हस्तक्षेप नही होता है ।

रिहायशी इलाके में मोबाइल टॉवर लगाना कानूनी और तकनीकी दोनों नजरिए से संवेदनशील मुद्दा है। हालाँकि सरकार और दूरसंचार कंपनियाँ कई मानकों का पालन करके टॉवर लगाती हैं, लेकिन कई बार स्थानीय लोग इसके खिलाफ होते हैं।

क्या मोबाइल टॉवर रिहायशी इलाके में लग सकता है?
1. सरकारी दिशानिर्देश – भारत में दूरसंचार विभाग (DoT) और ट्राई (TRAI) के नियमों के अनुसार, मोबाइल टॉवर लगाने से पहले स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेना आवश्यक होता हैजिसका पालन किया गया है या नही ।

2. नगर निगम/नगर परिषद की अनुमति – टॉवर लगाने के लिए नगर पालिका, नगर परिषद या ग्राम पंचायत से अनुमति जरूरी होती है?

3. रिहायशी इलाकों में प्रतिबंध – कुछ राज्यों और नगर पालिकाओं ने स्कूल, अस्पताल और घनी आबादी वाले इलाकों में टॉवर लगाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।

मोबाइल टॉवर से संभावित नुकसान:-
1. रेडिएशन का खतरा – मोबाइल टॉवर से निकलने वाला रेडिएशन (EMF Radiation) इंसानों, पक्षियों और पेड़-पौधों पर असर डाल सकता है। हालाँकि, WHO और भारत सरकार का कहना है कि निर्धारित सीमा के भीतर रेडिएशन से गंभीर खतरा नहीं होता।

2. स्वास्थ्य समस्याएँ – कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि मोबाइल टॉवर के नजदीक रहने से सिरदर्द, नींद न आना, तनाव और अन्य बीमारियाँ हो सकती हैं। हालांकि, वैज्ञानिक तौर पर इसे पूरी तरह प्रमाणित नहीं किया गया है।

3. भवनों को नुकसान – टॉवर की वजह से कंपन (Vibration) और भारी उपकरणों के कारण आस-पास के घरों को नुकसान पहुँच सकता है।

4. गिरने का खतरा – तूफान या भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में टॉवर गिरने का खतरा बना रहता है, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है।

5. पर्यावरणीय प्रभाव – रेडिएशन के कारण पक्षियों की संख्या में कमी देखी गई है। खासतौर पर गौरैया पक्षियों पर इसका असर ज्यादा देखा गया है।
नगर के रहवासी की आपत्ति को देखते हुए प्रशासन को कार्यवाही कर मोबाइल टॉवर को तुरंत रोकना चाहिए। टॉवर बनाने वाले तो टॉवर बनाकर चले जायेंगे बाद में भुगतना तो आम रहवासियों को पड़ेगा ।

Dashpur Disha
Author: Dashpur Disha

दशपुर दिशा समाचार पत्र भारत के प्रेस महापंजीयक कार्यालय नई दिल्ली से पंजीकृत है। दशपुर दिशा मालवांचल में खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित समाचार पत्र है। www. dashpurdisha.com हमारी अधिकृत वेबसाइट है।

Leave a Comment

और पढ़ें

error: Content is protected !!