दशपुर दिशा । योगेश पोरवाल
मन्दसौर। शामगढ़ तहसील के ग्राम छायन के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका माया राठौर के कथित अटैचमेंट को लेकर विवाद गहरा गया है। शिक्षिका के विकासखंड में अटैचमेंट के विरोध में सोमवार सुबह स्कूल के छात्र-छात्राओं और ग्रामीणों ने मुख्य सड़क जाम कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों और बच्चों की मांग है कि माया राठौर को छायन स्कूल में ही पदस्थ रखा जाए।
जानिए क्या है पूरा मामला
शिक्षिका माया राठौर पिछले दो दशकों से शामगढ़ के प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत थीं, जहां मात्र 17-18 बच्चे पढ़ते थे। पिछले साल उनका स्थानांतरण मेलखेड़ा के समीप छायन रुंडी में हुआ था, लेकिन वे शामगढ़ से 2 किमी दूर ग्राम छायन के स्कूल में पढ़ाने लगीं। यह घटना संकुल प्राचार्य की मिलीभगत से हुई है। जो अब उजागर हुई है। छायन रुंडी में एक वरिष्ठ शिक्षक की सेवानिवृत्ति के बाद माया राठौर को वहां प्रभार देने की बारी आई, तब शिक्षा विभाग को पता चला कि उनकी नियुक्ति छायन रुंडी में होने के बावजूद वे छायन में पढ़ा रही थीं। इसके बाद विभाग ने उन्हें मूल पद के लिए रिलीव कर दिया। शिक्षा विभाग के जानकारों का कहना है कि ये ऑनलाइन पोर्टल का कमाल है इसलिए ये मामला पकड़ में आ गया, वरना एक साल तक बिना जानकारी के दूसरी जगह अध्यापन करवाना और तनख्वाह निकालना बहुत बड़ी बात है।

शिक्षा विभाग का नियम क्या कहता है
शिक्षा विभाग में अटैचमेंट की व्यवस्था फिलहाल बंद है। ऐसे में माया राठौर का पहले छायन में कथित पदस्थापना नियमों के खिलाफ है। उनकी मूल नियुक्ति छायन रुंडी में है, इसलिए उन्हें वहीं ड्यूटी करनी होगी। विभाग का कहना है कि इस मामले में गलत जगह ज्वॉइनिंग और तनख्वाह लेने के लिए शिक्षिका और बालक संकुल प्राचार्य पर कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षाधिकारी का बयान
मंदसौर की शिक्षाधिकारी टेरेसा मिंज ने कहा, “शिक्षिका माया राठौर का स्थानांतरण छायन रुंडी में हुआ था, लेकिन उन्होंने बालक संकुल के अंतर्गत छायन स्कूल में ज्वॉइन कर लिया। संकुल प्राचार्य ने भी उन्हें ज्वॉइन कराया। एक साल तक गलत जगह से वेतन लेने के इस मामले में संकुल प्राचार्य और शिक्षिका पर कार्रवाई होगी। यह मामला अभी हमारे संज्ञान में आया है, क्योंकि संकुल या शिक्षिका ने इसकी कोई सूचना नहीं दी थी।”
ग्रामीणों और बच्चों का विरोध
छायन के स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका माया राठौर को वापस बुलाने की मांग को लेकर ग्रामीणों और छात्रों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि शिक्षिका बच्चों को अच्छे से पढ़ाती हैं, इसलिए उन्हें छायन में ही रखा जाए। हालांकि, नियमों के अनुसार शिक्षिका को अपने मूल पद छायन रुंडी में ही कार्य करना होगा।
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि नियमों का पालन करते हुए शिक्षिका को छायन रुंडी में ही ड्यूटी करनी होगी। इस मामले में विभागीय गड़बड़ी और संकुल प्राचार्य की लापरवाही की जांच शुरू हो गई है। ग्रामीणों का विरोध और बच्चों का प्रदर्शन इस मामले को और जटिल बना रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग नियमों के तहत कार्रवाई करने को तैयार है।
Author: Yogesh Porwal
वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।








