संगठन सृजन अभियान के मन्दसौर केन्द्रीय पर्यवेक्षक शाहपुरा विधायक मनीष यादव को 11 साल पुराने केस में एक साल की सजा

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मन्दसौर। पूरे देश में इस समय कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने के लिए संगठन सृजन अभियान चला रखा है। मन्दसौर जिले में संगठन सृजन अभियान के केंद्रीय पर्यवेक्षक शाहपुरा से विधायक मनीष यादव है। इधर मन्दसौर जिले में केंद्रीय पर्यवेक्षक जिला और ब्लॉक स्तर पर बैठक कर रहे है उधर राजस्थान की जयपुर कोर्ट ने उन्हें और उनके साथियों को एक एक साल की सजा सुनाई है।
आपको बता दें राजस्थान में कांग्रेस के दो विधायक लाडनूं से मुकेश भाकर और शाहपुरा से मनीष यादव, को 11 साल पुराने रास्ता जाम करने के मामले में जयपुर की एक अदालत ने एक-एक साल की सजा सुनाई है। हालांकि, सजा के साथ ही दोनों विधायकों को जमानत भी मिल गई है और उनकी विधानसभा सदस्यता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

मामला 2014 का, छात्र राजनीति से जुड़ा
जयपुर महानगर प्रथम की ACJM-19 अदालत में सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया गया। मामला 13 अगस्त 2014 का है, जब राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार के बाहर JLN मार्ग पर विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़क जाम की गई थी। उस समय सभी अभियुक्त छात्र राजनीति से जुड़े थे। अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत विधायकों सहित कुल 10 लोगों को रास्ता रोकने और विधि-विरुद्ध जमावड़ा करने का दोषी ठहराया।

दोषियों में झोटवाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अभिषेक चौधरी, राजेश मीणा, रवि किराड़, वसीम खान, द्रोण यादव, भानुप्रताप सिंह और विद्याधर मील भी शामिल हैं। सभी को सजा सुनाए जाने के बाद उच्च अदालत में अपील का अवसर देते हुए जमानत दे दी गई।

सदस्यता पर क्यों नहीं पड़ेगा असर
न्यायिक विशेषज्ञों के अनुसार, यदि सजा दो साल या उससे अधिक होती, तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत विधायकों की सदस्यता रद्द हो सकती थी। लेकिन एक साल की सजा होने के कारण मुकेश भाकर और मनीष यादव की विधानसभा सदस्यता सुरक्षित रहेगी।

पहले भी रद्द हो चुकी है विधायक की सदस्यता
हाल ही में बारां जिले के अंता से बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता 20 साल पुराने आपराधिक मामले में तीन साल की सजा के कारण रद्द हो गई थी। मीणा को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली, जिसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी।

राजनीतिक हलकों में चर्चा
इस फैसले के बाद राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में हलचल मची है। कांग्रेस और विपक्षी दलों के बीच इस मुद्दे पर बयानबाजी तेज हो सकती है। दोनों विधायक अब उच्च अदालत में सजा के खिलाफ अपील दायर करने की तैयारी कर रहे हैं।

Yogesh Porwal
Author: Yogesh Porwal

वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।

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