NEYU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधे जाट के बॉण्ड ओवर केस में हाईकोर्ट ने DCP कोर्ट की सुनवाई पर लगाई रोक

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इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में NEYU (नेशनल एजुकेशनल यूथ यूनियन) के कार्यकर्ता राधे जाट और उनके साथी रंजीत के खिलाफ बॉण्ड ओवर केस में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने इंदौर की DCP कोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी है। यह मामला दिसंबर 2024 में हुए MPPSC आंदोलन से जुड़ा है, जिसके बाद से इंदौर पुलिस पर लगातार राधे जाट और रंजीत को परेशान करने के आरोप लग रहे हैं।

क्या है मामला
राधे जाट ने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि दिसंबर 2024 में NEYU द्वारा आयोजित MPPSC आंदोलन के बाद से इंदौर पुलिस ने उन्हें और उनके साथी रंजीत को निशाना बनाया। पिछले छह महीनों से पुलिस द्वारा कथित तौर पर उत्पीड़न किया जा रहा है। राधे का आरोप है कि DCP कोर्ट में पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की गई और पुलिसकर्मियों द्वारा की गई कथित कूटरचना को संरक्षण दिया गया। उनके मुताबिक, कोर्ट में भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया गया और उन्हें जेल भेजने की तैयारी थी।

हाईकोर्ट का फैसला
छात्रों और कार्यकर्ताओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाले अधिवक्ता जयेश गुरनानी ने इस केस को हाईकोर्ट में प्रभावी ढंग से उठाया। उनकी दलीलों के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने DCP कोर्ट की सुनवाई पर स्टे ऑर्डर जारी किया। इस फैसले से राधे जाट और रंजीत को बड़ी राहत मिली है।

आरोप और प्रतिक्रिया
राधे जाट ने कहा, “इंदौर पुलिस और DCP कोर्ट द्वारा हमारे अधिकारों का हनन करने की कोशिश की जा रही थी। अधिवक्ता जयेश गुरनानी के प्रयासों और हाईकोर्ट के फैसले से हमें न्याय की उम्मीद जगी है।” वहीं, इस मामले में पुलिस या DCP कोर्ट की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर के बाद अब इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख का इंतजार है। राधे जाट और उनके साथी छात्रों के हितों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने का दावा कर रहे हैं।

Yogesh Porwal
Author: Yogesh Porwal

वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।

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