भानपुरा के पान की दिल्ली सहित देश के कोने-कोने में डिमांड बड़ी
मंदसौर। मंदसौर, भानपुरा के रहने वाले अनिल बंबोरिया (9406838581) प्राइवेट बैंक में नौकरी करते थे। नौकरी छोड़कर पान की खेती में बहुत ही शानदार नवाचार किया है। एक समय था जब किसान पान की खेती अर्थात पनवाड़ी की खेती को परंपरागत तरीके से किया जाता रहा था, लेकिन किसान अनिल बंबोरिया ने नवाचार करके दिखाया है और इससे पान का उत्पादन भी डेढ़ गुणा करके दिखाया है। इस कार्य से पान की खेती करने वाले अन्य किसान भी प्रेरणा ले रहे हैं और उनके अंदर भी बदलाव करने की अलख जगी है।
श्री बंबोरिया कहते हैं कि एक समय में परंपरागत तरीके से खेती किया करते था। लेकिन उसमें नुकसान बहुत ज्यादा होता था। आंधी, तूफान, लु, वर्षा, सर्दी इनके कारण बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता था। वर्षा के कारण जड़ों में बीमारी लग जाती थी। जड़े गल जाती थी। सर्दी से पत्ते जल जाते थे। लाभ कम नुकसान बहुत ज्यादा होता था। लेकिन वर्ष 2021-22 में उद्यानिकी विभाग द्वारा इस नुकसान से बचाव के लिए का पाली हाउस निर्माण के संबंध में सलाह दी गई। इसी वर्ष उद्यानिकी विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर 1000 स्क्वायर मीटर का पाली हाउस का निर्माण किया। पाली हाउस के निर्माण से पान की खेती में आमूल चूल परिवर्तन देखने को मिला। अब खेती में बाहरी बीमारियां बिल्कुल नहीं होती है। वर्षा, सर्दी, जड़ का खराब होना, कीट, पतंग सभी तरीके की समस्याएं खत्म हो चुकी हैं और उत्पादन भी डेढ़ गुना तक बढ़ गया है। साथ ही लागत भी बहुत कम आ रही है। लाभ 2 गुना हो चुका है। पनवाड़ी पहले एक से डेढ़ वर्ष में नष्ट हो जाती थी, लेकिन पाली हाउस के निर्माण से पनवाड़ी 15 से 20 वर्ष तक नष्ट नहीं होती हैं। पान उत्पादन के पश्चात दिल्ली, मेरठ, सहारनपुर, आगरा की मंडियों में विक्रय के लिए भेजते हैं। देश के कोने-कोने में इस पान की डिमांड बढ़ने लगी है।


Author: Dashpur Disha
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