मन्दसौर। पिछले महीनेभर से राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय प्राचार्य आरके वर्मा और एबीवीपी के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। पहले कॉलेज प्राचार्य पर छात्राओं से अश्लीलता करने और धर्म ग्रंथो को पढ़ने से रोकने के आरोप लगे। सड़क जाम कर एबीवीपी ने विरोध जताया और एक छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल एफआईआर भी दर्ज कर ली।
उसके बाद राजीव गाँधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य ने शिकायत करने वाली छात्रा और एबीवीपी पदाधिकारीयो के विरूद्ध यशोधर्मन नगर थाने में लिखित शिकायत दी। लेकिन हर बार थाना प्रभारी ये कहते रहे कि मुझे शिकायत नही मिली।
जिला संयोजक की धमकी का ऑडियो हुआ वायरल
एबीवीपी जिला संयोजक विजय गर्ग की धमकी का ऑडियो वायरल हुआ जिसमें वे प्राचार्य को कह रहा है तुझे हम जीने नही देंगे! इस घटना के बाद तरह तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी। उज्जैन में हुआ प्रोफेसर सभरवाल कांड भी लोगो को याद आने लगा। एबीवीपी नेता प्रेस नोट जारी कर ऑडियो को फर्जी बताने लगे गए। हालांकि ये पहला मामला नही है जब एक शिक्षक के साथ इस तरह की शर्मनाक हरकत की गई हो, इससे पूर्व भी कॉलेज प्रोफेसर डॉ. डीसी गुप्ता ने कॉलेज में नेतागिरी करने वालो से परेशान होकर उनके पैर छुए थे, ये घटनाक्रम पूरे देश की मीडिया ने दिखाया था।
एनएसयूआई ने एबीवीपी नेता पर कार्रवाई के लिए थाना घेरा
एबीवीपी जिलाध्यक्ष विजय गर्ग और कॉलेज प्राचार्य की ऑडियो वायरल होने के बाद एनएसयूआई ने मोर्चा संभाल लिया है। एनएसयूआई के कहना है कि एक आवेदन पर बिना जांच के प्राचार्य पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर ली गई, जबकि प्राचार्य की तरफ से दिए गए आवेदनों लर कोई कार्रवाई नही की जा रही है। एनएसयूआई ने थाना घेरा, सड़क पर चक्काजाम किया और कार्रवाई आश्वासन के बाद वहां से उठे।
कॉलेज प्रोफेसरों ने प्राचार्य के साथ एसपी से की मुलाक़ात
एबीवीपी नेता की धमकी के बाद न केवल एनएसयूआई बल्कि कॉलेज प्रोफेसर भी खुद की सुरक्षा के लिए मैदान में आ गए। ये बड़ी शर्मनाक बात है की शिक्षकों को भी अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस अधीक्षक से मिलना पड़ा। पूरी घटना की जानकारी एसपी को दी गई। एसपी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।

Author: Yogesh Porwal
वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।