सवाल ये है कि क्या कोई ग्यारह साल की उम्र में दसवीं पास कर सकता है? या फिर मण्डल अध्यक्ष बनने के लिए मार्कशीट में कूटरचना कर ली?
वैसे तो संगठन में मण्डल अध्यक्ष का पद कोई लाभ का पद नही है, किन्तु इस बार भारतीय जनता पार्टी में मण्डल अध्यक्ष बनने के लिए कार्यकर्ताओ में जो उत्साह देखा गया वो विचारणीय है। संगठन सर्वोपरी का नारा बुलन्द करने वाली पार्टी में मण्डल अध्यक्ष बनने के लिए सारे पैंतरों का उपयोग किया गया। रायशुमारी से लेकर बड़े नेताओं तक लगी दौड़ इस बात का प्रमाण है कि ये पार्टी सेवा के लिए की जाने वाली मशक्कत तो नही है। क्योंकि पैनल में नाम जाने से लेकर सूची जारी होने और उसके बाद तक जो जद्दोजहद चल रही है वो कुछ ओर संकेत दे रही है। सरकारी नौकरी के लिए अंकसूचियों में हेराफेरी के मामले तो अब तक खूब सुने थे लेकिन पार्टी में मण्डल अध्यक्ष बनने के लिए भी कोई ऐसा करेगा ये पहले बार देखा और सुना जा रहा है।
दशपुर दिशा । योगेश पोरवाल
मन्दसौर। गत दिवस भारतीय जनता पार्टी ने मन्दसौर जिले के मण्डल अध्यक्षो की घोषणा की है। मण्डल अध्यक्षों की घोषणा के बाद दबी ज़बान में कुछ मण्डल अध्यक्षों का विरोध हो रहा तो कुछ को लेकर ये संतुष्टि का माहौल है। पार्टी विद डिफरेंट का नारा देने वाली भाजपा में खुलकर विरोध करना तो कार्यकर्ताओं के लिए बहुत मुश्किल है, ये अनुशासनहीनता की श्रेणी में मान लिया जाता है लेकिन फिर भी इक्का दुक्का मण्डल अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर बवाल मचा हुआ है।
हम बात कर लेते है मल्हारगढ़ विधानसभा के बूढ़ा मण्डल की, यहाँ से पार्टी ने सुनील शर्मा को अध्यक्ष बनाया है। सुनील शर्मा की नियुक्ति के बाद कार्यकर्ता और मीडिया में पार्टी की गाइडलाइन को लेकर चर्चाएं चल रही है। बताया जा रहा है कि सुनील शर्मा की उम्र को लेकर बवाल मचा हुआ है।
बताया जा रहा है कि सुनील शर्मा को को पार्टी ने जिस पैरामीटर के तहत अध्यक्ष बनाया उसके हिसाब से तो कई कार्यकर्ता बाहर हो गए। भाजपा ने मंडल अध्यक्ष की 45 वर्ष आयु अधिकतम रखी थी। परंतु सुनील शर्मा के बारे में बताया जा रहा है कि वे 47 वर्ष के हो चुके है उसके बावजूद उन्हें मडंल अध्यक्ष बना दिया गया है।
अंकसूची में छेड़छाड़ की आशंका
मल्हारगढ़ के बूढ़ा मंडल के अध्यक्ष पद हेतु सुनील पिता रामदयाल शर्मा मगराना का नाम घोषित करने के बाद अंदरखाने में बवाल इस कदर मचा की सुनील शर्मा की निर्वाचन नामावली से लेकर उज्जैन में ली शिक्षा दीक्षा की जानकारियां तक सोशल मीडिया पर आ गई।
मण्डल अध्यक्ष हेतु भाजपा संगठन ने 45 वर्ष अधिकतम आयु निर्धारित की थी, किन्तु सुनील शर्मा की उम्र 47 वर्ष है जो कि निर्वाचन नामावली में 629 नम्बर पर आ रही है। इनकी दसवीं कक्षा की अंकसूची में जन्म दिनांक 25 मई 1982 है, किन्तु हाई स्कूल यानी दसवीं कक्षा मार्च 1993 में राजेंद्र हाई स्कूल नागदा उज्जैन से उतीर्ण करी। इनके रिकॉर्ड से ये सवाल उठा की अमूमन बच्चा पैदा होने के बाद तीन साल या पांच साल की उम्र के बाद स्कूल जाना शुरु करता है। किन्तु रिकॉर्ड के हिसाब से सुनील कुमार शर्मा मगराना ने जन्म के एक साल बाद ही स्कूल जाना शुरु कर दिया और कुल ग्यारह साल में सन मार्च 1993 में दसवीं पास कर ली, जो असम्भव है।
अब सवाल ये है कि क्या इन्होंने मण्डल अध्यक्ष बनने के लिए जन्म दिनांक में हेराफेरी कर उम्र कम कर दी ? क्योंकि अब स्कूल का प्रमाणिकरण भी सामने आ गया है जिसमे सुनील शर्मा की जन्म दिनांक 25/05/1978 है। स्कूल रिकॉर्ड के हिसाब से उम्र पार्टी क्राइटेरिया के बाहर है।

Author: Dashpur Disha
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