मन्दसौर। मध्यप्रदेश के भोपाल के बगरौदा में पकड़ी गई एमडी ड्रग्स फैक्ट्री के बाद अब राजस्थान के बाड़मेर जिले में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक घर में संचालित अवैध ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। चौहटन इलाके के सेड़वा क्षेत्र में कारटिया ग्राम पंचायत के ढोलकिया गांव में एक रिहायशी मकान के पीछे बने कमरे में यह ड्रग्स फैक्ट्री चल रही थी। पुलिस ने छापेमारी के दौरान करीब 50 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के केमिकल्स, सामग्री और ड्रग्स बनाने के उपकरण बरामद किए हैं।
अरबों रुपये के मादक पदार्थ बनाने की थी तैयारी
पुलिस के अनुसार, बरामद केमिकल्स और सामग्री से अरबों रुपये मूल्य के मादक पदार्थ तैयार किए जा सकते थे। इस कार्रवाई में भारी मात्रा में केमिकल्स के साथ-साथ ड्रग्स बनाने की मशीनें भी जब्त की गई हैं। बाड़मेर पुलिस ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को सूचित किया, और एनसीबी की जोधपुर टीम मौके पर पहुंचकर आगे की जांच में जुट गई है।

महाराष्ट्र से जुड़े हैं तार
पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा के नेतृत्व में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस ड्रग्स फैक्ट्री के तार महाराष्ट्र से जुड़े हैं। मुख्य आरोपी, जो मौके से फरार हो गया, महाराष्ट्र का निवासी बताया जा रहा है। पुलिस ने कुछ महिलाओं सहित कई आरोपियों को हिरासत में लिया है और उनसे गहन पूछताछ जारी है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के भोपाल में पकड़ी गई एमडी ड्रग्स फैक्ट्री के मामले में भी एक आरोपी सान्याल बाने नासिक महाराष्ट्र का ही था। बाड़मेर में भी महाराष्ट्र से तार जुड़ रहे हैं।
बाड़मेर में पहले भी पकड़ी जा चुकी हैं ड्रग्स फैक्ट्री
यह पहला मौका नहीं है जब बाड़मेर में ड्रग्स फैक्ट्री पकड़ी गई हो। इससे पहले भी रामसर इलाके में पुलिस और एनसीबी की संयुक्त कार्रवाई में एक ऐसी ही अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था। सेड़वा और रामसर, दोनों ही भारत-पाक सीमा से सटे क्षेत्र हैं और भारत माला हाइवे से जुड़े होने के कारण मादक पदार्थों की तस्करी के लिए संवेदनशील माने जाते हैं। इस हाइवे के जरिए पंजाब, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ड्रग्स की तस्करी आसानी से की जा सकती है।
सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा पर सवाल
इस तरह की गतिविधियों का पकड़ा जाना सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। बाड़मेर पुलिस और एनसीबी अब संयुक्त रूप से इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि इस नेटवर्क के अन्य कड़ियों का पता लगाया जा सके। फिलहाल, जोधपुर से एनसीबी की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और आगे की कार्रवाई जारी है।
Author: Yogesh Porwal
वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।








