मगरमच्छों को बचाने के लिए सौरभ शर्मा कांड में तथ्यों पर डाला जा रहा है पर्दा, चेक पोस्टो की सीबीआई जांच करवाई जाए

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पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने कहा सौरभ शर्मा कांड में शासन तथ्यों को छुपा रहा है, ताकि चेक पोस्टों पर प्रतिवर्ष हजारों करोड़ की अवैध वसूली के सूत्र उजागर ना हो

रतलाम। सौरभ शर्मा कांड में शासन तथ्यों को छुपा रहा है, ताकि चेक पोस्टों पर प्रतिवर्ष हजारों करोड़ की अवैध वसूली के सूत्र उजागर ना हो। यह आरोप पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने लगाया। सकलेचा ने कहा कि 2 दिसंबर 2020 को चेक पोस्टों के कर्मचारियों ने मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर बताया था कि आरक्षक सौरभ शर्मा को प्रधान आरक्षक के रूप में आठ चेक पोस्ट का डमी प्रभारी बना दिया गया है। निजी व्यक्तियों से कार्य लिया जा रहा है। चेक पोस्ट पर चालान काटना, टैक्स काटना, रोजनामचा लिखने की कार्रवाई भी वही कर रहे हैं तथा अवैध वसूली के लिए मारपीट भी की जा रही है।

नौकरी से दे दिया त्यागपत्र
सकलेचा ने कहा कि विभाग ने प्रारंभ में यह नहीं बताया कि सौरभ शर्मा ने नौकरी से स्वैच्छिक त्यागपत्र दे दिया है, यह तथ्य उसके अग्रिम जमानत के आवेदन से उजागर हुआ। इससे स्पष्ट है कि उसके आकाओ को बचाने के लिए विभाग द्वारा बाद में यह षड्यंत्र रचा गया। उसने त्यागपत्र किस दिनांक को दिया, किस अधिकारी द्वारा, किस दिनांक को, क्यों स्वीकृत किया गया। जबकि उसके खिलाफ विभागीय जांच प्रचलन में थी। सात साल की अवधि में उसने किस-किस चेक पोस्ट पर किस हैसियत से काम किया । उसे 8 चेक पोस्ट का प्रभारी किसके आदेश से, क्यों बनाया गया।

औसतन 6 से 8 हजार करोड़ की अवैध वसूली
सकलेचा ने कहा कि सौरभ शर्मा के 500 से 1000 करोड़ तो ऊंट के मुंह में जीरा है। सारे चेक पोस्टों पर मिलाकर प्रतिवर्ष 3 करोड़ से अधिक वाहन से औसतन 6 से 8 हजार करोड़ की अवैध वसूली की गई हैं । जबकि शासन के राजस्व में गिरावट हुई हैं । वर्ष 2016-17 में 2 करोड़ वाहन की चेकिंग कर 5.6 लाख से 154 करोड़ राजस्व वसूला गया था । वही 2022-23 में 3 करोड़ से अधिक वाहन की चेकिंग कर 1.6 लाख से 86 करोड़ राजस्व वसूला गया।

चेक पोस्ट बंद करने पर दी थी सहमति
सकलेचा ने कहा कि केंद्र ने 6 सितंबर 2021 को पत्र लिखकर राज्य शासन को बताया कि जुलाई 2017 में जीएसटी काउंसिल की बैठक में चेक पोस्ट बंद करने पर अपनी सहमति दी थी।

मगरमच्छों को पकड़ने के लिए होनी चाहिए सीबीआई जांच
सकलेचा ने कहा की चेक पोस्ट पर लूट की हद तो तब हो गई जब केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत पत्र भेज कर लिखा कि मैंने इससे पहले भी आपको इस विषय पर ध्यान देने की प्रार्थना की थी, लेकिन इस समस्या का कोई भी हल अभी तक नहीं निकला है । जिसकी वजह से मध्य प्रदेश का नाम खराब हो रहा है । आपसे गुजारिश है कि आप स्वयं इस मामले में सख्त और उचित कार्रवाई करें। और इस समस्या पर सख्त और उचित कार्यवाही करने की जगह पत्र पर सख्त कार्रवाई करते हुए उसे नस्तीबद्ध कर दिया गया ।सकलेचा ने कहा कि सौरभ शर्मा तो इस लूट के महासागर की सबसे छोटी मछली है, मगरमच्छों को पकड़ने के लिए सीबीआई जांच होना चाहिए ।

Yogesh Porwal
Author: Yogesh Porwal

वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।

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