मन्दसौर । स्थानीय स्नेह नगर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा की विश्रांति रविवार को हुई। कथा के सातवें दिन भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता की झांकी प्रस्तुत की गई। कथा के पश्चात् हवन का आयोजन हुआ। तत्पश्चात् कन्या पूजन से महाप्रसादी प्रारंभ हुई जो देर शाम तक चलती रही जिसमें हजारों की संख्या में भक्तों ने उपस्थित होकर प्रसाद ग्रहण किया।
कथा वाचक पं. श्री सत्यनारायणजी शर्मा प्रतापगढ़ वाले ने भगवान श्री कृष्ण और उनके परम मित्र सुदामा के प्रसंग का वर्णन किया, जिससे श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।
कथा वाचक ने बताया कि सुदामा जी भगवान श्री कृष्ण के परम भक्त थे और उनकी भक्ति में लीन रहते हुए भी दरिद्रता का सामना कर रहे थे। एक दिन उनकी पत्नी ने उन्हें द्वारका जाने और श्री कृष्ण से सहायता लेने की सलाह दी। सुदामा जी द्वारका पहुंचे, जहां भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें पहचानकर उन्हें गले लगाया और उनका सम्मान किया। भगवान ने सुदामा जी को अपार धन और सुख प्रदान किया, जिससे उनकी दरिद्रता समाप्त हो गई।
कथा के समापन अवसर पर कन्या पूजन और भण्डारे का आयोजन किया गया। कन्या पूजन में क्षेत्रवासियों, महिला भक्त मंडल और उपस्थित श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भण्डारे में हजारों भक्तों ने महाप्रसाद ग्रहण किया और पुण्य के भागीदार बने।
इस आयोजन में कथा आयोजक ए.पी. शर्मा, धीरज पाठक, हंसराज रौंदवाल (एमपीईबी), महिला भक्त मंडल और अन्य श्रद्धालुओं का विशेष योगदान रहा।
यह जानकारी मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी किरण शर्मा ने दी।


Author: Dashpur Disha
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