दशपुर दिशा । दीपक सोनी
रतलाम। आज से करीब एक साल पहले बैंकों में फर्जी खाते खुलवाकर लाखों की धोखाधडी करने वाले 80 फीट रोड निवासी हेमंत बागड़ी को न्यायालय ने फरार घोषित करते हुए आरोपी हेमंत के खिलाफ फरारी की उद्घोषणा जारी की है। याने कि अब आरोपी हेमंत की सम्पत्तियों की कुर्की होगी।
शहर के 80 फीट रोड पर एक कोचिंग संस्थान चलाने वाले हेमंत बागड़ी ने सालभर पहले बैंकों में फर्जी खाते खुलवाकर लाखों रुपए की धोखाधड़ी और जालसाजी की थी। इस मामले में आरोपी बागड़ी के खिलाफ औद्योगिक क्षेत्र थाने पर भादवि की धारा 420 467,468 और 120 बी के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ था। प्रकरण दर्ज होने के बाद से ही आरोपी बागड़ी फरार है। पुलिस की लाख कोशिश के बाद भी वह हाथ नहीं आ सका। इसके बाद पुलिस ने गिरफ्तारी पर पांच हजार रु. का इनाम भी रखा था। अब पुलिस ने उसकी चल अचल सम्पत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
फरार आरोपी हेमंत बागड़ी की चल अचल सम्पत्तियों को कुर्क करने से पहले पुलिस के निवेदन पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अनुमत तिवारी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बाएनएसएस) की धारा 84 के अन्तर्गतआभियुक्त की हाजरी कई अपेक्षा करने वाली उद्घोषणा जारी की है। न्यायालय द्वारा जारी उद्घोषणा में अभयुक्त हेमंत पिता महेन्द्र बागड़ी को 12 फरवरी को दोपहर ग्यारह बजे न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया गया है। बीएनएसएस की प्रक्रिया के मुताबिक न्यायालय द्वारा उद्घोषणा जारी किए जाने के बाद भी यदि अभियुक्त न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं होता तो फिर न्यायालय द्वारा उसकी चल अचल सम्पत्तियों को कुर्क करने का आदेश जारी किया जा सकता है।
न्यायालय द्वारा उद्घोषणा जारी किए जाने के बाद पुलिस अधिकारियों ने उक्त उद्घोषणा को जिला न्यायालय के अलावा अभियुक्त हेमंत बागड़ी के निवास और अन्य स्थानों पर इसे चस्पा कर दिया है। पुलिस के मुताबिक यदि हेमंत बागड़ी न्यायालय की उद्घोषणा के बाद भी हाजिर नहीं होगा तो उसकी सम्पत्तियां कुर्क करने की कार्यवाही की जाएगी।
यह था धोखाधड़ी का पूरा मामला
बैैंक से लोन दिलाने के नाम पहचान के दस्तावेज लेकर धोखाधडी किए जाने के दो मामले करीब एक साल पहले सामने आए थे। औद्योगिक थाने पर धोखाधडी करने के आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए थे। रिपोर्ट मुताबिक 80 फीट रोड कर्मचारी कालोनी निवासी हेमंत पिता महेन्द्र बागडी ने अपने एक परिचित महेन्द्र पिता फकीरचन्द परमार निवासी हनुमान रुण्डी को लोन दिलाने के लिए महेन्द्र परमार के केवायसी (पहचान) दस्तावेज लिए थे। हेमंत बागड़ी ने महेन्द्र के इन दस्तावेजों पर अपने एक साथी शैलेष के फोटो लगाकर इण्डियन ओवरसीज बैैंक में महेन्द्र परमार के नाम का नकली खाता खुलवाया और इस नकली खाते के माध्यम से हीरो फायनेन्स कंपनी से लोन भी ले लिया। इस पूरे मामले की महेन्द्र परमार को भनक तब लगी जब महेंद्र के पास अचानक किश जमा करने के लिए फाइनेन्स कंपनी के कर्मचारी का उसे फोन आया। महेन्द्र ने इण्डियन ओवरसीज बैैंक में जाकर पता किया तो पता लगा कि उसके नाम पर खाता खुलवाया गया है और पांच लाख से अधिक का लोन भी लिया गया है। जबकि खातेदार के फोटो के स्थान पर किसी अन्य अज्ञात व्यक्ति का फोटो लगा हुआ था। धोखाधडी की जानकारी मिलने पर महेन्द्र परमार ने पूरे मामले की शिकायत एसपी को की थी। एसपी के निर्देश पर औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने आरोपी हेमंत पिता महेन्द्र बागड़ी और शैलेष के खिलाफ भादवि की धारा 420,467,468 में प्रकरण दर्ज किया था।
आरोपी हेमंत बागड़ी ने इसी तरह की एक ओर व्यक्ति को चुना लगाया था। उसने अपनी एक महिला सहयोगी के साथ मिलकर एक निजी स्कूल की टीचर शालीनी पति प्रशान्त सक्सेना के नाम का फर्जी बैंक खाता खुलवाया था और लोन ले लिया था। शालिनी सक्सेना ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि हेमंत बागड़ी ने उन्हे बैैंक से लोन दिलाने के नाम पर उनकी पहचान के दस्तावेज प्राप्त किए और अपने पास रख लिए। जब उससे दस्तावेज मांगे गए तो उसने कहा कि ये दस्तावेज बैैंक की फाइल मे लग गए है। जबकि हेमंत ने अपनी एक महिला सहयोगी प्रतिभा पिता ललिता पेन्टर नि.गौशाला रोड के साथ मिलकर बैैंक आफ बरोडा में शालिनी सक्सेना के नाम का खाता खुलवया। इस खाते में शलिनी की जगह प्रतिभा का फोटो लगाया गया। जब सक्सेना को इस धोखाधडी की भनक लगी तो उन्होने पुलिस से सम्पर्क किया था। औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने आरोपी हेमंत बागड़ी और प्रतिभा के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और धोखाधडी करने की धाराओं 420,467,468 भादवि के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था।

Author: Yogesh Porwal
वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।