ग्राहक ने कहा किताबों की ज्यादा कीमत वसूलने और कच्चा बिल देने की कलेक्टर को शिकायत प्रस्तुत कर कार्रवाई की करूंगा मांग

✍️सोनू जोशी
मंदसौर। शहर के सकलेचा स्टेशनरी मार्ट पर ग्राहकों ने किताबों की अधिक कीमत वसूलने और कच्चा बिल थमाने का गंभीर आरोप लगाया है। ग्राहकों का कहना है कि संचालक निजी स्कूलों से सांठगांठ कर हर साल दो-तीन महीनों के लिए किताबों की बिक्री करता है और इस दौरान एनसीईआरटी की किताबें तय मूल्य से ज्यादा दामों पर बेची जा रही हैं। इसके साथ ही, कच्चे बिल देने की शिकायतें भी सामने आई हैं, जिससे सरकार को जीएसटी के रूप में राजस्व का नुकसान होने की बात कही जा रही है। ग्राहकों ने बताया कि हर साल कलेक्टर के सख्त निर्देशों के बावजूद यह स्टेशनरी संचालक अपनी मनमानी से बाज नहीं आता। ग्राहक राजेश वानवार ने हमारे संवाददाता से बातचीत में कहा, “हमें एनसीईआरटी की किताबें ऊंचे दामों पर दी गईं और बिल मांगने पर कच्ची पर्ची थमा दी गई। हम इसकी शिकायत कलेक्टर से करेंगे।” ग्राहकों ने मंदसौर कलेक्टर से इस मामले में संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि आम लोगों को ठगी से बचाया जा सके और टैक्स चोरी पर लगाम लगे। वहीं, इस संबंध में जब स्टेशनरी संचालक अंशुल सकलेचा से बात की गई तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा, “जल्दबाजी में पर्ची दे दी गई थी। प्राइवेट किताबों पर 10 प्रतिशत डिस्काउंट दिया जाता है, जबकि एनसीईआरटी की किताबें नेट रेट पर दी जाती हैं। हमारे यहां सबसे सस्ती किताबें उपलब्ध हैं, ग्राहक चाहें तो बाजार में जांच कर सकते हैं।” हालांकि, ग्राहकों का कहना है कि यह जवाब उनकी शिकायतों का समाधान नहीं करता।यह मामला अब चर्चा का विषय बन गया है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो यह ठगी और टैक्स चोरी का सिलसिला जारी रहेगा। अब सबकी नजर मंदसौर कलेक्टर के अगले कदम पर टिकी है।

Author: Dashpur Disha
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