बिना अधिकार जनभागीदारी समिति अध्यक्ष नरेश चंदवानी ने बना रखा था कॉलेज में ऑफिस, प्राचार्य ने किया ख़त्म
कल एनएसयूआई एबीवीपी का पुतला दहन कर कलेक्टर को देगी मामले की जांच के लिए ज्ञापन
बीते दिनों पीजी कॉलेज प्राचार्य आरके वर्मा के विरूद्ध एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सड़क पर चक्काजाम किया था। इस हंगामे के बाद कॉलेज की एक छात्रा की शिकायत पर थाना यशोधर्मन नगर पुलिस ने प्राचार्य के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर ली थी। इसके बाद प्राचार्य ने एबीवीपी के कुछ लोगों के विरूद्ध नामजद शिकायत पुलिस थाना यशोधर्मन नगर को दी थी किन्तु दो पत्र भेजने के बाद भी आज तक उस पर यशोधर्मन नगर थाना प्रभारी ने उस पर कोई कार्रवाई नही की।इस पूरे घटनाक्रम के बाद कॉलेज प्रशासन की ओर से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
मन्दसौर। राजीव गाँधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मन्दसौर में नवागत प्राचार्य आरके वर्मा ने चार्ज संभालते ही भ्रष्टाचार के मामलो कि जांच शुरू कर दी है।
कॉलेज प्राचार्य आरके वर्मा ने फिलहाल दो ऐसे फर्जी मामले पीजी कॉलेज में पकड़े है जिनसे ये स्पष्ट होता है कि कॉलेज में पिछले कार्यकालों में फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर हुए है।
दो मामलों में पहला फर्जी तरीके से नौकरी बताकर कॉलेज से तनख्वाह हड़पने का है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पीजी कॉलेज में एबीवीपी के प्रांतीय पदाधिकारी नरसिंह कुमावत दो साल से फर्जी तरीके से प्रतिमाह 10 हजार रूपए अपने बैंक खाते में कॉलेज से प्राप्त कर रहा है। कॉलेज प्राचार्य एवं स्टाफ के अनुसार इस नाम का व्यक्ति कभी कॉलेज में पदस्थ नही रहा है।
दूसरा मामला कॉलेज प्रोफेसरों को वितरण होने वाले टैबलेट से जुड़ा हुआ है। करीब 11 लाख रुपए की कीमत से खरीदे गए 25 टैबलेट कॉलेज से गायब है, जिन्हें वितरण होना था उन्हें भी टैबलेट नही मिला है। जिससे स्पष्ट है कि तत्कालीन प्राचार्य ने या तो टैबलेट की राशि हड़पकर रिकॉर्ड में टैबलेट वितरण करना बता दिया या फिर टैबलेट खरीददार से फर्जी बिल बनवाकर लगा दिए। जो भी हुआ फर्जीवाड़ा स्पष्ट है।
जनभागीदारी समिति बने बगैर हुए कामों की भी होगी जांच
प्राप्त जानकारी के अनुसार कॉलेज प्राचार्य आरके वर्मा ने कॉलेज स्तर पर एक समिति का गठन किया जो ये जांच कर रही है कि जनभागीदारी समिति अध्यक्ष नरेश चंदवानी ने पिछले तीन वर्षों में बिना समिति का गठन किए कैसे जनभागीदारी के माध्यम से कॉलेज में खरीदी और निर्माण कार्य करवा लिए। बिना समिति गठन के फर्जी तरीके ने नियम शर्तो का उल्लंघन करके कितनी राशि का कार्य नरेश चंदवानी ने करवाया है इसकी जांच समिति कर रही है।
जनभागीदारी अध्यक्ष नरेश चंदवानी ने अधिकार के बिना बना लिया था अध्यक्ष कक्ष
राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (पीएम एक्सीलेंस कॉलेज) मन्दसौर में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष नरेश चंदवानी ने पिछले तीन साल से कॉलेज में अपना स्वयं का अध्यक्ष कक्ष बना रखा था। कॉलेज प्राचार्य के अनुसार जनभागीदारी समिति अध्यक्ष को कक्ष अलॉट करने का कोई नियम नही है। नियम ये कहता है कि वे समिति का गठन करें एवं समिति की बैठक प्राचार्य के आदेश पर बुलाई जाएगी और कॉलेज में बैठक आयोजित करने की व्यवस्था कॉलेज प्राचार्य के निर्देशन में होगी। लेकिन नरेश चंदवानी खुद का अध्यक्ष कक्ष बनाकर बैठे थे जिसे प्राचार्य ने हटवा दिया है।
सीलबन्द अलमारी का राज और पूर्व प्राचार्यो के घोटालों से भी उठेगा पर्दा!
कॉलेज प्राचार्य के अनुसार कॉलेज में एक अलमारी ऐसी है जिस पर रिटायर्ड प्राचार्य एलएन शर्मा के हस्ताक्षर है और वो अलमारी पूर्व प्राचार्य के आदेश पर आज तक सील की हुई है। जबकि एलएल शर्मा के बाद कॉलेज में डॉ.दिनेश गुप्ता प्राचार्य रह चुके है। इस अलमारी में क्या है इसका खुलासा कॉलेज में गठित समिति और मीडिया के सामने होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एलएल शर्मा के कार्यकाल में हुए खरीदी घोटाले और इससे पूर्व हुई आउटसोर्स भर्ती समेत कई मामलों से पर्दा उठ सकता है। क्योंकि कॉलेज में पिछले वर्षों में हुए घोटालों की जांच कॉलेज प्राचार्य के निर्देशन में समिति कर रही है।
यह कहना है इनका-
जनभागीदारी समिति अध्यक्ष ने समिति के गठन के बगैर निर्माण कार्य और खरीदी कितने और कैसे करी इसकी जाँच हम करवा रहे है। फर्जी तरीके से ओर कितने लोग कॉलेज से तनख्वाह ले रहे है और पूर्व कार्यकाल में हुई आउटसोर्सिंग भर्तियों एवं टेण्डर घोटाले की जांच करवा रहे है। सील बन्द अलमारी को समिति और पत्रकारों की उपस्थिति में खोला जाएगा – आरके वर्मा प्राचार्य राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मन्दसौर
डिजीटल इंडिया के तहत बायो ग्रुप के विद्यार्थियों के लिए टैबलेट की खरीदी हुई थी, टैबलेट स्टॉक रजिस्टर में दर्ज है। जनभागीदारी अध्यक्ष के हस्ताक्षर से सील बन्द अलमारी में रखवाए गए थे, जो आज भी वही रखे हुए है। मैं स्वयं आज अखबार में छपी खबर का खंडन जारी कर रहा हूँ। –एलएन शर्मा पूर्व प्राचार्य शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मन्दसौर
टैबलेट वही रखे हुए है, शासन ने नियुक्ति मुझे जनभागीदारी अध्यक्ष बनाया है प्राचार्य कौन होते है कक्ष हटाने वाले। अभी दूसरे काम मे लगा हूँ, फिर इस मामले को देखता हूँ। प्राचार्य गलत जानकारी दे रहे है, कोई उनको गुमराह कर रहा है- नरेश चंदवानी, अध्यक्ष जनभागीदारी समिति राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मन्दसौर
इस मामले में एनएसयूआई कल पुतला दहन करके कलेक्टर को मामले की जांच के लिए ज्ञापन देगी-रितिक पटेल, जिलाध्यक्ष एनएसयूआई मन्दसौर

Author: Yogesh Porwal
वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।