मंदसौर। मंदसौर के पीजी कॉलेज में गुरुवार को नकल प्रकरण को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। नकल का आरोप लगने से नाराज कुछ एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कॉलेज प्रशासन पर झूठा मामला गढ़ने का आरोप लगाते हुए मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। इस दौरान प्राचार्य समेत पूरा स्टाफ घंटों तक अंदर कैद रहा।

क्या है पूरा मामला
कॉलेज में परीक्षा के दौरान 28 मार्च को बीकॉम तृतीय वर्ष का छात्र नितिन सोनी नकल करते पकड़ा गया था। परीक्षा निरीक्षकों ने नियमानुसार कार्रवाई करते हुए छात्र की उत्तर पुस्तिका जब्त कर ली। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने रिपोर्ट तैयार की और परीक्षा नियमों के तहत आगे की कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
लेकिन इसी बीच, कुछ एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने इस मामले को अनुचित बताते हुए विरोध शुरू कर दिया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि जिस छात्र पर नकल का आरोप लगाया गया, उसने स्वयं स्वीकार किया कि उसने उत्तर केवल उत्तर पुस्तिका में ही लिखा था, न कि किसी अन्य साधन से नकल की। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि कॉलेज प्रशासन छात्रों पर बेवजह दबाव बना रहा है और जानबूझकर उन्हें फंसा रहा है।
कॉलेज गेट पर ताला, प्राचार्य समेत स्टाफ रहा कैद
गुस्साए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कॉलेज प्रशासन से जवाब मांगते हुए मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया। इस घटनाक्रम के चलते कॉलेज प्राचार्य, शिक्षक और अन्य स्टाफ कई घंटे तक अंदर ही बंद रहे। कार्यकर्ताओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की और निष्पक्ष जांच की मांग उठाई।
प्राचार्य का पक्ष
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जेएस दुबे ने कहा कि परीक्षा की निष्पक्षता बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। जिस छात्र का नकल प्रकरण बना उसने खुद स्वीकार किया था कि उसने पेपर पर रफ कार्य किया था। जबकि पेपर पर रोल नंबर के अलावा कुछ भी नहीं लिख सकते।
कार्यकर्ताओं का आरोप
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कॉलेज प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि छात्रों को झूठे नकल प्रकरण में फंसाया जा रहा है। उनका कहना था कि छात्र के खिलाफ कोई ठोस प्रमाण नहीं था, फिर भी उसे दोषी ठहराया गया।
तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत
घटनास्थल पर बढ़ते तनाव को देखते हुए तहसीलदार सोनिका सिंह मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। बातचीत के बाद कार्यकर्ताओं ने ताला खोला और कॉलेज प्रशासन से निष्पक्ष जांच का आश्वासन लिया। इस घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और यदि कोई अनियमितता पाई जाती है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर परीक्षा प्रणाली और प्रशासन की पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। कॉलेज प्रशासन पर मनमाने ढंग से निर्णय लेने के आरोप लग रहे हैं, जबकि अधिकारी परीक्षा की निष्पक्षता बनाए रखने की बात कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मामले पर और भी घटनाक्रम सामने आ सकते हैं।

Author: Dashpur Disha
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