पीजी कॉलेज प्राचार्य पर लगे आरोप के बाद प्राचार्य का पत्र वायरल, जिसमे लिखा-नरेश चंदवानीजी के कहे अनुसार महाविद्यालय का संचालन कीजिए, सुरक्षा और शिक्षण व्यवस्था में सुधार मत लाइए

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प्राचार्य पर हुई एफआईआर के बाद मामले ने पकड़ा तूल, प्राचार्य ने थाना प्रभारी को लिखा पत्र, जिसमे लगाए नामज़द आरोप
मन्दसौर। गत दिवस राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मन्दसौर के बाहर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सड़क पर जाम लगाया था। मौके पर उपस्थित एबीवीपी कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों का आरोप था कि प्राचार्य कॉलेज में अश्लीलता फैलाने का काम कर रहे है। धर्म ग्रन्थ भगवद्गीता को नही पढ़ने की सलाह देते है। लड़कियों को कहते है कि सज-धज कर कॉलेज आया करो और मेरे साथ रिल्स बनाया करो जैसे आरोप लगाए थे।
इस पूरे घटनाक्रम पर प्रादेशिक समाचार पत्र में छपे समाचार के मुताबिक प्राचार्य पर आरोप लगा रही 5-6 युवतियों में से केवल 2 ही थाने तक पहुँची और वो भी घबराई हुई थी उन्हें भाजयुमो के पदाधिकारी ढांढस बंधाते रहे। समाचार पत्र में ये भी लिखा कि भाजपा नेताओं के हस्तक्षेप से प्राचार्य पर एफआईआर हुई। इसमें सबसे पहला नाम नरेश चंदवानी का था, चंदवानी कॉलेज में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष भी है।
एफआईआर के बाद प्राचार्य ने की नामजद शिकायत, एफआईआर अब तक नही
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मन्दसौर के प्राचार्य आरके वर्मा का एक पत्र सामने आया था जो उन्होंने यशोधर्मन नगर थाना प्रभारी को लिखा था। प्राचार्य पर तत्काल एफआईआर कर ली गई थी किन्तु प्राचार्य की ओर से जिन लोगो के विरूद्ध थाने में पत्र दिया गया उसमें आजतक कोई एफआईआर दर्ज नही की गई है।
अतिआवश्यक सूचना और पत्र हो रहे वायरल
आपको बता दें घटना के परिपेक्ष्य में दो पत्र सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहे है जिसमे पहला पत्र दिनांक 16/12/2024 का है जो अतिआवश्यक सूचना है। इस सूचना में लिखा है- महाविद्यालय में अध्ययनरत समस्त विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि वे महाविद्यालय में आते समय अपना परिचय पत्र अपने साथ रखे। महाविद्यालय की कक्षाओं में बिना परिचय पत्र के प्रवेश नही दिया जाएगा तथा महाविद्यालय परिसर में घूमते हुए किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा परिचय पत्र मांगे जाने पर उन्हें परिचय पत्र दिखाना होगा। यदि विद्यार्थी के पास परिचय पत्र नही होता है और वह महाविद्यालय में घूमता हुआ पाया जाता है तो उसके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। अतः समस्त विद्यार्थी अपने साथ परिचय पर अनिवार्य रूप से रखेंगे तथा महाविद्यालय में अनुशासन बनाए रखेंगे।
इसके अलावा दूसरा पत्र क्रमांक 6425/2024 मन्दसौर, दिनांक 21/12/2024 को प्राचार्य द्वारा थाना प्रभारी वायडी नगर को लिखा गया। जिसमे प्राचार्य ने लिखा कि-शासकीय कार्य मे व्यवधान, महाविद्यालय की शांति भंग करना, महाविद्यालय में तालाबंदी, प्रोफेसरो एवं कर्मचारियों को काम करने से रोकना तथा परीक्षार्थियों को परीक्षा देने से मेनगेट पर ही रोकना और महाविद्यालय गेट के सामने हाइवे पर चक्काजाम कर शहर की शांति भंग करने बाबत।
इस पत्र में प्राचार्य आरके वर्मा ने उन पर लगे आरोपो के ऊपर कई चौंकाने वाले खुलासे किए। प्राचार्य ने पत्र में लिखा कि पार्थ परमार, अमित गुप्ता एवं अन्य बाहरी लोगों में कॉलेज के प्रशासनिक गेट पर ताला लगाकर झुंड बनाकर नारेबाजी की। परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल नही होने दिया जिससे कई विद्यार्थी परीक्षा से वंचित रह गए।
प्राचार्य ने आगे लिखा कि कुछ बाहरी व्यक्ति महाविद्यालय में प्रवेश कर छात्राओं के परिचय पत्र चेक करते है। सीसीटीवी मुड़े हुए, केबल कटी हुई एवं इनकी संदिग्ध गतिविधियां मैंने निरीक्षण के दौरान पाई।
प्राचार्य ने पत्र में ये भी लिखा कि कुछ दिन पहले प्राचार्य कक्ष में गुरूदीप आंजना एवं एक अन्य व्यक्ति ने मुझे धमकी दी की आपनरेश चंदवानीजी के कहे अनुसार महाविद्यालय का संचालन कीजिए और सुरक्षा एवं शिक्षण व्यवस्था में सुधार मत लाइए, वरना दो दिन बाद आप परिणाम देख लेंगे।
प्राचार्य आरके वर्मा ने पत्र में लिखा कि मैं पूर्व में भी अज्ञात व्यक्तियों एवं कुछ की नामजद शिकायत कर चुका हूं। मुझे पुलिस संरक्षण प्रदान करने का कष्ट करें। मेरे प्राण प्रतिष्ठा एवं देह को खतरा है।
इस पूरे घटनाक्रम में दोनों पक्षों की ओर से अपनी अपनी कार्रवाई कर दी गई है लेकिन प्रशासन के लिए जांच का विषय ये है कि क्या वास्तविकता में प्राचार्य पर लगे आरोपो में सत्यता है या फिर जनभागीदारी अध्यक्ष और प्राचार्य के बीच कोई अंतर्द्वंद चल रहा है जिसमे विद्यार्थियों को मोहरा बनाया जा रहा है।

प्राचार्य का ये पत्र सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल

प्राचार्य के पक्ष में भीम आर्मी ने संभाला मोर्चा
प्राचार्य आरके वर्मा के द्वारा वायडी नगर पुलिस थाने को कार्रवाई के लिए जो पत्र लिखा गया वो कल से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उस वायरल पत्र के बाद इस पूरे मामले में कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ भीम आर्मी ने प्राचार्य के आवेदन पर कार्रवाई करवाने के लिए मैदान सम्भाल लिया है।
यह कहना है इनका
इस मामले में नरेश चंदवानी ने एक अखबार को दिए व्यक्तव्य में बताया कि प्रदर्शन एबीवीपी ने किया था इसमे मेरा कोई हस्तक्षेप नही है। प्राचार्य बौखलाकर मेरा नाम ले रहे है। एबीवीपी पदाधिकारी गुरूदीप आंजना ने भी कहा कि वे प्राचार्य से सामान्य भेंट करने गए थे, सब आरोप झूठे और निराधार है।
इस मामले को एनएसयूआई ने भी आपसी विवाद बताया। कॉलेज से जुड़े कर्मचारियों और विद्यार्थियों से जब इस विषय मे चर्चा की गई तो उनका कहना है कि प्राचार्य के आने के बाद कॉलेज में कई सुधार हुए है। समय पर कक्षाओं का संचालन होने लगा, विद्यार्थियों की रूचि भी बढ़ी है।

Yogesh Porwal
Author: Yogesh Porwal

वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।

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