नगरपरिषद मल्हारगढ़ के भ्रष्टाचार उजागर करने लोट लगाकर जनसुनवाई में पहुंचा युवक

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ज्ञानेश प्रजापत ने नगरपरिषद मल्हारगढ़ में निर्माण कार्यो में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर सीएमओ, इंजीनियर पर लगाए गम्भीर आरोप

लम्बे समय से मल्हारगढ़ नगरपरिषद में जमे हुए है सीएमओ राजेश गुप्ता, राजनैतिक संरक्षण के कारण शिकायतों के बावजूद नही होती इन पर कार्रवाई

मंदसौर। आज सुशासन भवन में उस वक्त हड़कम्प मच गया जब एक युवक लौट लगाते हुए अपनी फरियाद लेकर जनसुनवाई में पहुंचा। प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर परिषद मल्हारगढ़ में हो रहे निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार को लेकर मल्हारगढ़ के वार्ड क्रं. 06 के ज्ञानेश प्रजापति ने जनसुनवाई में पहुंचकर अधिकारियों को शिकायत प्रस्तुत की। ज्ञानेश ने वार्ड क्रं. 12 नाला निर्माण भ्रष्टाचार, वार्ड क्रं. 4 कायाकल्प योजना का सीसी निर्माण भ्रष्टाचार, वार्ड क्रं. 5 अंबेडकर मांगलिक भवन के ऊपर के निर्माण की जांच सहित अन्य शिकायतें अपर कलेक्टर एकता जायसवाल के समक्ष रखी। आवेदन में प्रजापति ने बताया कि नगर पंचायत मल्हारगढ़ में वार्ड क्रमांक 12 नाला निर्माण में इतना भ्रष्टाचार हुआ है कि इसमें 8 एमएम का सरिया लगाया गया, घटिया निर्माण किया गया है जिसकी वजह से जगह-जगह से नाला फटने लगा है। नाला एक छोटी सी नाली में तब्दील हो गया है। नगरपरिषद मल्हारगढ़ के इंजीनियर द्वारा क्या टेस्ट रिपोर्ट बनाई गई है यह तो आप को पता है! भ्रष्टाचार के चलते जांच रिपोर्ट गलत बनाई गई है। ठेकेदार और इंजीनियर का कहना है कि कमीशन नगर पंचायत से लेकर जिला अधिकारियों तक बंटता है। महोदय कमीशन के चक्कर में इन निर्माण कार्य की विधिवत जांच क्यों नहीं हो रही है। क्या जिला परियोजना अधिकारी भी इस भ्रष्टाचार में शामिल है? जब आपने नाला निर्माण के संबंध में सीएमओ और इंजीनियर मल्हारगढ़ को रिकॉर्ड लेकर बुलाया था तो क्या कार्रवाई की गई है। क्या इंजीनियर और ठेकेदार का कहना सही है कि कमीशन जिले के अधिकारियों में भी बंटता है। अगर टेस्ट रिपोर्ट सही बनाई गई तो फिर नाल जगह-जगह से टूटने फटने क्यों लगा और बिल 12 एम का क्यों पास किया गया।
पूरे मामले में आवेदक को अपर कलेक्टर एकता जायसवाल ने सुना और कार्रवाई के लिए डूडा की परियोजना अधिकारी गरिमा पाटीदार को जांच सौंपी।

बड़ा सवाल है ये है कि क्या ये ही सुशासन है?
भ्रष्टाचार और अपनी वाजिब मांगो को पूरा करवाने के लिए क्या इसी तरह लोगों को सरकारी अधिकारियों के कार्यालयों में रेंगने पर मजबूर होना पड़ेगा या फिर पहली दरख्वास्त में ही उनकी सुनवाई हो जाएगी ? क्योंकि सुशासन भवन में रेंगने का ये पहला मामला नही है इससे पहले भी एक बुजुर्ग ने अपनी शिकायत पर कार्रवाई नही होने के कारण लौट लगाई थी। कलेक्टर को ये जनसुनवाई और सीएम हेल्पलाइन जैसे मामलों की जिम्मेदारी ऐसे अधिकारियों को देनी चाहिए जो उसकी गम्भीरता को समझकर समय सीमा में निराकरण करवा दे अन्यथा इस तरह लौट लगाकर लोगों को मजबूर होता रहना पड़ेगा।

लम्बे समय से नप में जमे है सीएमओ राजेश गुप्ता
वर्षों से राजेश गुप्ता मल्हारगढ़ नगरपरिषद में लेखापाल थे, फिर प्रभारी सीएमओ रहे। उसके बाद जब नगरपरिषद नारायणगढ़ तबादला हो गया तो चार्ज में कई बार मल्हारगढ़ के सीएमओ भी रहे। नारायगढ़ से वापस मल्हारगढ़ सीएमओ बन गए। फिर शासन ने इनका तबादला नीमच जिले की सरवानिया नगरपरिषद में किया कुछ समय वहां रहने के बाद वापस ये नगरपरिषद मल्हारगढ़ में आ गए। कुल मिलाकर राजेश गुप्ता न तो मल्हारगढ़ छोड़ना चाहते और न ही भ्रष्टाचार। बताया जाता है कि राजनैतिक संरक्षण के कारण राजेश गुप्ता के खिलाफ शासन स्तर तक कि गई शिकायतों पर भी कार्रवाई नही हो पाती है।

Dashpur Disha
Author: Dashpur Disha

दशपुर दिशा समाचार पत्र भारत के प्रेस महापंजीयक कार्यालय नई दिल्ली से पंजीकृत है। दशपुर दिशा मालवांचल में खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित समाचार पत्र है। www. dashpurdisha.com हमारी अधिकृत वेबसाइट है।

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