श्री साईंनाथ पैरामेडिकल कॉलेज पर धोखाधड़ी का आरोप, संचालक अशोक नागर का विवादों से पुराना नाता

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मंदसौर। मंदसौर जिले के भैसौदामंडी स्थित श्री साईं नाथ पैरामेडिकल कॉलेज एक बार फिर गंभीर विवादों के घेरे में है। कॉलेज में पढ़ने वाले डिप्लोमा इन मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी (डीएमएलटी) के छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन पर परीक्षा के नाम पर धोखाधड़ी और गुमराह करने का आरोप लगाया है। नाराज छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पदाधिकारियों के साथ मिलकर मंदसौर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर कॉलेज के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस मामले ने कॉलेज संचालक अशोक नागर के विवादित इतिहास को फिर से सुर्खियों में ला दिया है, जिन पर पहले भी फर्जीवाड़े के कई संगीन आरोप लग चुके हैं।

छात्रों की शिकायत: परीक्षा के नाम पर धोखा
कॉलेज में डीएमएलटी की पढ़ाई कर रही छात्रा रहनुमा और कृष्णा ने अपनी व्यथा साझा करते हुए बताया कि कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों को परीक्षा के लिए गलत जानकारी दी। रहनुमा के अनुसार, कॉलेज प्राचार्य ने छात्रों को आश्वस्त किया था कि उनकी परीक्षा के प्रवेश पत्र परीक्षा केंद्र पर ही उपलब्ध कराए जाएंगे। इस भरोसे पर छात्र 150 किलोमीटर की यात्रा कर मंदसौर के परीक्षा केंद्र पर पहुंचे, लेकिन वहां उन्हें पता चला कि विश्वविद्यालय ने प्रवेश पत्र जारी ही नहीं किए हैं।
रहनुमा ने कहा, “सभी कॉलेजों के छात्र अपनी परीक्षाएं दे रहे हैं, लेकिन हमारी परीक्षा नहीं हो रही। कॉलेज प्रबंधन ने हमें बार-बार गुमराह किया, जिससे हमारा समय, पैसा और भविष्य दांव पर लग गया है।” इस स्थिति से आक्रोशित छात्रों ने कॉलेज की लापरवाही और धोखाधड़ी की शिकायत को लेकर मंदसौर कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।

छात्रों और एबीवीपी का आक्रोश
कॉलेज के छात्रों ने एबीवीपी के नेतृत्व में मंदसौर कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में कॉलेज प्रबंधन की अनियमितताओं की गहन जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। एबीवीपी के पदाधिकारी अमित गुप्ता ने कहा, “श्री साईं नाथ पैरामेडिकल कॉलेज का यह कृत्य छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही और धोखाधड़ी अस्वीकार्य है। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि कॉलेज की मान्यता की जांच हो और दोषियों को दंडित किया जाए।
“छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

अशोक नागर का विवादित इतिहास
श्री साईं नाथ पैरामेडिकल कॉलेज के संचालक अशोक नागर का नाम पहले भी कई फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के मामलों में सामने आ चुका है। उनके खिलाफ दर्ज प्रमुख मामले इस प्रकार हैं:
1.छात्रवृत्ति घोटाला (2017-18):
अशोक नागर और उनके श्री साईं नाथ नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज पर वर्ष 2017-18 में छात्रवृत्ति फर्जीवाड़े का आरोप लगा था। यह मामला आज भी लोकायुक्त में लंबित है और इसकी जांच जारी है।
2.फर्जी हॉस्पिटल और कॉलेज मामला:
राजगढ़ जिले में 200 बेड के एक फर्जी हॉस्पिटल के आधार पर अशोक नागर ने मां जालपा नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज की मान्यता हासिल की थी। इस मामले में राजगढ़ पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था। इस मामले में नागर को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था।
3.नर्सिंग कॉलेज घोटाला:
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज घोटाले में भी अशोक नागर का नाम उछला। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी एफआईआर में नागर को नामजद किया और उनसे इस मामले में कड़ी पूछताछ की गई।
इन मामलों ने अशोक नागर और उनके शैक्षणिक संस्थान की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

कॉलेज प्रबंधन की चुप्पी
ताजा मामले में कॉलेज प्रबंधन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। छात्रों का आरोप है कि प्रबंधन उनकी शिकायतों को लगातार अनसुना कर रहा है और जवाबदेही से बच रहा है।

प्रशासन की भूमिका और भविष्य की संभावनाएं
छात्रों द्वारा ज्ञापन सौंपे जाने के बाद मंदसौर जिला प्रशासन पर कार्रवाई की जिम्मेदारी है। अशोक नागर के खिलाफ पहले से दर्ज मामलों और कॉलेज की ताजा अनियमितताओं को देखते हुए यह मामला गंभीर हो गया है। प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वह कॉलेज की कार्यप्रणाली, मान्यता और प्रबंधन की गतिविधियों की गहन जांच करेगा।

निजी शिक्षण संस्थानों पर सवाल
यह मामला केवल श्री साईं नाथ पैरामेडिकल कॉलेज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह निजी शिक्षण संस्थानों में पारदर्शिता, जवाबदेही और नियामक निगरानी की कमी को उजागर करता है। छात्रों का भविष्य दांव पर लगाने वाले ऐसे संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग तेज हो रही है। आने वाले दिनों में मंदसौर प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या अशोक नागर के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। फिलहाल, छात्र और उनके परिवार प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं।

Yogesh Porwal
Author: Yogesh Porwal

वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।

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