रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। सैलाना एसडीएम कार्यालय के तत्कालीन रीडर मनीष विजयवर्गीय को रिश्वत लेने के मामले में दोषी करार देते हुए रतलाम जिला कोर्ट के विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) ने उन्हें 4 साल के सश्रम कारावास और 2,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश आदित्य रावत ने मंगलवार को सुनाया।
मामले का विवरण
मनीष विजयवर्गीय पर आरोप था कि उन्होंने नलकूप खनन की अनुमति दिलवाने के लिए राजस्व विभाग के एक कर्मचारी से रिश्वत की मांग की थी। यह घटना उस समय की है जब विजयवर्गीय सैलाना एसडीएम कार्यालय में रीडर के पद पर कार्यरत थे। शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू की गई, जिसमें उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए गए। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था, और लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया।जांच और सबूतसूत्रों के अनुसार, इस मामले में जांच के दौरान यह साबित हुआ कि विजयवर्गीय ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रिश्वत की मांग की थी। नलकूप खनन की अनुमति जैसे महत्वपूर्ण कार्य में सहायता के बदले उन्होंने पैसे ऐंठने की कोशिश की। अभियोजन पक्ष ने मजबूत साक्ष्य और गवाहों के बयानों के आधार पर अपना पक्ष रखा, जिसके बाद अदालत ने यह कड़ा फैसला सुनाया।
कोर्ट का फैसला
विशेष न्यायाधीश आदित्य रावत की अदालत में सुनवाई के दौरान सभी पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया। अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने विजयवर्गीय को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाया। उन्हें 4 वर्ष के सश्रम कारावास के साथ-साथ 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। सजा की घोषणा के बाद विजयवर्गीय को हिरासत में ले लिया गया, और उन्हें जेल भेज दिया गया।


Author: Dashpur Disha
दशपुर दिशा समाचार पत्र भारत के प्रेस महापंजीयक कार्यालय नई दिल्ली से पंजीकृत है। दशपुर दिशा मालवांचल में खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित समाचार पत्र है। www. dashpurdisha.com हमारी अधिकृत वेबसाइट है।