मंदसौर। मध्यप्रदेश के गांधीसागर, संधारा, बूढ़ा और दीपाखेड़ा के सरपंचों को स्वच्छ भारत अभियान में उत्कृष्ट योगदान के लिए एक विशेष कार्यक्रम में प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री पटेल सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
जल संरक्षण को बनाएं आंदोलन: कैबिनेट मंत्री
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री श्री पटेल ने जल संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के प्रयासों को आंदोलन का रूप देना होगा। पुराने जल स्रोतों को पुनर्जनन, बारिश के बाद बोरी बंधान और छोटी नदियों को बारहमासी बनाने पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि नदियों के उद्गम स्रोत समाप्त हो गए, तो नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

मंत्री ने अधिक से अधिक पौधरोपण पर बल देते हुए कहा, “पौधे लगाने के बाद उनकी देखभाल सुनिश्चित करें, ताकि वे जीवित रहें। जल संरक्षण का सबसे प्रभावी तरीका पौधरोपण ही है।”
पंचायतों के लिए नई योजनाएं
मंत्री ने अगले तीन वर्षों में प्रत्येक जिले में पंचायत भवन निर्माण की घोषणा की। ये भवन तीन मंजिला होंगे, जिनमें उप-इंजीनियर कार्यालय भी स्थापित किए जाएंगे। पुराने भवनों को हटाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए टैक्स संग्रहण पर ध्यान देना होगा।
विकास के लिए कोई कमी नहीं
श्री पटेल ने आश्वासन दिया कि अगले तीन वर्षों में पंचायतों को विकास कार्यों के लिए धन की कमी नहीं होगी। उन्होंने सरपंचों से एकजुट होकर बेहतर कार्य करने का आह्वान किया, ताकि प्रदेश को विकास के पथ पर आगे ले जाया जा सके।
कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों और सरपंचों ने स्वच्छता और जल संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। यह आयोजन स्वच्छ भारत मिशन और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
Author: Dashpur Disha
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