मन्दसौर के महाविद्यालयीन बालक छात्रावास के 5 छात्रों पर हुई एफआईआर के मामले में नेयू की एंट्री

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नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन ने फर्जी एफआईआर रद्द करवाने और सम्बंधित अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए सीएम से की मांग

मन्दसौर। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित महाविद्यालयीन बालक छात्रावास मन्दसौर के 5 छात्रों पर अधीक्षक और जिला संयोजक द्वारा षड्यंत्रपूर्वक करवाई गई एफआईआर मामले में अब नया मोड़ आ गया है।
आपको बता दे पिछले 6 माह से अधिक समय से मन्दसौर के महावद्यालयीन बालक छात्रावास के छात्र छात्रावास में बुनियादी सुविधाओं में सुधार की मांग कर रहे थे। सुनवाई न होने पर छात्रों ने सीएम हेल्पलाइन का सहारा भी लिया।
सीएम हेल्पलाइन करने के बाद भी छात्रों की समस्याओं में तो कोई सुधार नही हुआ उल्टा उन्हें सूचना पत्र देकर धमकाया गया कि सीएम हेल्पलाइन हटावा लो अन्यथा छात्रावास से निकाल देंगे। इसके बाद छात्रों के साथ एनएसयूआई ने कलेक्टर कार्यालय में धरना प्रदर्शन भी किया। कलेक्टर ने सुधार के निर्देश भी दिए किन्तु आदिम जाति विभाग की जिला संयोजक और अधीक्षक को ये बात ठीक नही लगी। उन्होंने छात्रों से बदले की भावना रखकर एक 5 माह पुराने आवेदन को आधार बनाकर यशोधर्मन नगर पुलिस थाने में 5 छात्रों पर मंगलवार की रात 11 बजे एफआईआर दर्ज करवा दी। सुबह होते ही जब फरियादी को ये बात पता चली तो उसने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि अधीक्षक चरण सिंह और जिला रेखा पांचाल ने दबाव डालकर ये एफआईआर मुझसे दर्ज करवाई है। मुझे रात को गाड़ी में बैठाकर थाने लाए और ये बोला कि आवेदन देकर आ रहे है। मुझे नही पता था कि मेरे ही साथियों पर एफआईआर दर्ज कर दी जाएगी।
इस पूरे घटनाक्रम के सामने आने के बाद छात्रहित मे काम कर रहे गैर राजनीतिक संगठन नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन ने सीएम को ट्वीट कर सम्बंधित अधिकारियों पर कार्रवाई और एफआईआर निरस्त करने की मांग की है। ट्वीट को बड़े पैमाने पर रीट्वीट कर निर्दोष छात्रों पर हुई एफआईआर निरस्त करने की मांग की जा रही है।
नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के एक्स हैंडल (ट्विटर) पर फरियादी छात्र नरसिंह का वीडियो और अखबारों में प्रकाशित खबरों के साथ ट्वीट कर लिखा गया कि मुख्यमंत्रीजी संज्ञान लीजिए-प्रदेश में पीड़ित को ही प्रताड़ित किया जा रहा है।
इस मामले को संवेदनशील बताते हुए नेयू के प्रमुख राधे जाट ने अपने ट्विटर और फेसबुक हैंडल पर लिखा कि अगर 5 छात्रों के खिलाफ हुई झूठी एफआईआर निरस्त नही की गई तो नेयू द्वारा मन्दसौर में जाकर छात्रों के हित मे आगे की लड़ाई लड़ी जाएगी ।
नेयू ने ट्वीट मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पुलिस महानिदेश, कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह,कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार सहित देश के ख्यातनाम पत्रकारों और मीडिया संस्थानों को किया गया।

क्या है NEYU
नेयू मतलब नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन है। ये गैर राजनैतिक संगठन है जो छात्रहितों की रक्षा के लिए कार्य कर रहा है। नेयू मध्यप्रदेश पीएससी कार्यालय के सामने हुए धरना प्रदर्शन और पीएससी में हो रही धांधलियों और व्यापम के फर्जीवाड़े उजागर करने को लेकर सुर्खियों में है।

Yogesh Porwal
Author: Yogesh Porwal

वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।

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