टकरावद (पंकज जैन)। रविवार को राजस्थान के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल माँ जोगणिया माताजी के चरणों में मध्यप्रदेश के नीमच, मंदसौर और रतलाम जिले के अफीम उत्पादक किसानों ने भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। समिति ने वर्ष 2025-26 की नई अफीम नीति में किसानों की प्रमुख समस्याओं के समाधान की मांग की और आंदोलन की रणनीति तैयार की।
किसानों ने मांग की कि 1997-98 से 2024-25 तक विभिन्न कारणों से रुके हुए अफीम लाइसेंस (पट्टे) बहाल किए जाएं। विशेष रूप से, जिन किसानों के पट्टे शून्य औसत (0 औसत) के कारण रुके हैं, उन्हें 2025-26 की नीति में लाइसेंस प्रदान किया जाए। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजार में अफीम के मूल्य को ध्यान में रखते हुए अफीम की कीमत बढ़ाने और CPS (केंद्रित खसखस भूसी) नीति पर पुनर्विचार कर लुआई-चिराई में पट्टे देने की मांग की गई।

समिति ने सरकार से धारा 8/29 को समाप्त करने का भी अनुरोध किया, ताकि बेकसूर किसानों को न्याय मिल सके। किसानों का कहना है कि 1997 से अब तक रुके हुए पट्टों को शून्य औसत पर बहाल किया जाए, ताकि प्रभावित किसानों को राहत मिले।
भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। इस अवसर पर नीमच, मंदसौर और रतलाम के सैकड़ों किसान एकजुट हुए और अपनी मांगों के समर्थन में एकजुटता का प्रदर्शन किया।
Author: Dashpur Disha
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