एबीवीपी संगठन मंत्री की बैठक में विभागाध्यक्षो की अनिवार्य उपस्थिति के लिए प्राचार्य ने जारी कर दी अवश्यक सूचना
मन्दसौर। लीड कॉलेज कहा जाने वाला मंदसौर का राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (पीएम एक्सीलेंस कॉलेज) राजनीति से मुक्त नही हो पा रहा है।
पिछले दिनों तत्कालीन प्राचार्य रहे आरके वर्मा के कार्यकाल में हुए बखेड़े के बाद जब एनएसयूआई ने प्राचार्य वर्मा के पक्ष में पुलिस थाने का घेराव किया था तो ऐसे में उन पर राजनीति के आरोप लगे थे। जिस दिन आरके वर्मा को निलंबित कर उज्जैन अटैच करने का आदेश हुआ उस दिन सोशल मीडिया पर कई तरह की पोस्ट की गई थी। आरके वर्मा के निलंबन के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि अब राजीव गांधी पीजी कॉलेज से राजनीति खत्म हो जाएगी। लेकिन हुआ ठीक इसके विपरीत है। कुछ दिनों पूर्व ही डॉ. जेएस दुबे ने पीजी कॉलेज में प्राचार्य के रूप में जॉइन किया है।
कयास लगाए जा रहे थे कि डॉ. दुबे के आने के बाद पीजी कॉलेज में राजनीति नही होगी। किसी एक पक्ष को जिस तरह पहले लाभ पहुँचाया जा रहा था उस तरह का काम अब देखने को नही मिलेगा लेकिन डॉ. दुबे ने तो आते ही राजनीति शुरू कर दी।
प्राचार्य प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मन्दसौर ने दिनांक 08 फरवरी 2025 को ऑफिशियल आवश्यक सूचना का प्रकाशन किया। जिसके अंश हूबहू प्रकाशित किए जा रहे है- महाविद्यालय के समस्त विभागाध्यक्षों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 12 फरवरी 2025 को अपराह्न 04.30 बजे शोध केंद्र पर एक बैठक आयोजित की गई है। जिसकी अध्यक्षता श्री शिवकुमार जी क्षेत्रीय संगठन मंत्री, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, दक्षिण-मध्य क्षेत्र करेंगे। अतः समस्त विभागाध्यक्ष उक्त बैठक में अनिवार्यतः उपस्थित रहे।
इस प्रकार की आवश्यक सूचना देखकर विभागाध्यक्ष भी सकते में आ गए क्योंकि इससे पहले विभागाध्यक्षो ने भी कभी नही देखी होगी। शासकीय अधिकारियों की बैठक छात्र संगठन के पदाधिकारियों को लेने का कोई प्रावधान नही है। नही इस प्रकार की बैठक पूर्व में इससे पहले कही अन्य कॉलेजों में ली गई है। इस सम्बंध में जब शासकीय कॉलेजो वरिष्ठ प्रोफेसरों, प्रोफेसरों और इस सम्बंध में जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों से चर्चा की गई तो वे साफ इंकार कर गए कि ऐसा कोई नियम नही है कि छात्र संगठन का पदाधिकारी इस तरह ऑफिशियल बैठक विभागाध्यक्षो की ले सके। खुद पीजी कॉलेज प्राचार्य ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि गलती हुई है इसको सुधारने का प्रयास करूंगा।
अगर जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी ही इस प्रकार की राजनीति कॉलेज में करेंगे तो फिर शिक्षण संस्थाओं को राजनीति का अड्डा बनने से कोई नही रोक सकता।
यह कहना है इनका-
ऊपर आदेश आते है उनका पालन करना पड़ता है। 12 फरवरी को बैठक का आदेश था किन्तु उस दिन अवकाश होने से वो बैठक निरस्त हो गई थी, गलती हुई है सुधार करूंगा – डॉ.जे.एस दुबे प्राचार्य
आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है। प्राचार्य पूरी तरह भाजपा और एबीवीपी के दबाव में काम कर रहे है। प्राचार्य का इस प्रकार की सूचना जारी करना ये दर्शाता है कि इनकी मानसिकता राजनीति से ग्रसित है – रितिक पटेल, जिलाध्यक्ष एनएसयूआई
ABVP कार्यकर्ता की भांति कार्य करने वाले प्राचार्य पर कार्यवाही होनी चाहिए
इस मामले में डॉ.राघवेंद्रसिंह तोमर अध्यक्ष शहर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मन्दसौर ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि मन्दसौर के शासकीय राजीव गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय पीएम एक्सीलेंस कॉलेज के प्राचार्य का पत्र सोशल मीडिया के माध्यम से देखा जिसमें वह कॉलेज के विभागाध्यक्षों को ABVP के क्षेत्रीय संगठन मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में भाग लेने के लिए आदेशित कर रहे है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा और उसके सहयोगी संगठन लगातार संवैधानिक संस्थाओं का खुला मजाक उड़ा रहे है और अपनी समानांतर सत्ता चलाने के साथ संवैधानिक संस्थाओं एवं शासकीय संस्थाओं पर कब्जा जमाने का प्रयास कर रहे है जो घोर निंदनीय है। लोकतंत्र में इसको कोई स्थान नहीं है। इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए एवं ABVP के कार्यकर्ता की भांति कार्य करने वाले प्राचार्य पर कठोर कार्यवाही की जाना चाहिए ।

Author: Yogesh Porwal
वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।