नेता प्रतिपक्ष लोकसभा राहुल गांधी के ख़िलाफ़ झूठे प्रकरण को लेकर शहर कांग्रेस नेताओ ने जताया आक्रोश

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दशपुर दिशा । दीपक सोनी
रतलाम। बाबा साहब अंबेडकर के अपमान एवं नेता प्रतिपक्ष लोकसभा राहुल गांधी के ख़िलाफ़ झूठा प्रकरण दर्ज करने के विरोध में पत्रकार वार्ता का आयोजन शहर कांग्रेस कार्यालय में किया गया।
पत्रकार वार्ता में शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महेंद्र कटारिया, पूर्व विधायक पारस दादा सकलेचा, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा, वरिष्ठ नेत्री श्रीमती यास्मीन शैरानी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती कुसुम चाहर, कार्यवाहक अध्यक्ष फैयाज मंसूरी, उपनेता कमरूदीन कछवाय, ब्लॉक अध्यक्ष बसंत पंड्या, वीरेंद्र प्रताप सिंह, सोहेल काजी, महामंत्री राजीव रावत, पार्षद नासिर कुरेशी, सलीम बागवान, शाकिर खान, उपस्थित रहे।प्रेस चर्चा में बताया गया कि
18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा संविधान और संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान के लिए देश के संसदीय इतिहास में दर्ज हो गया है। बीजेपी हमेशा से लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों के प्रति तिरस्कार दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ती। इस बार तो हद ही पार कर दी।
संविधान के पचहत्तर वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के दलों ने संसद में सरकार से संविधान पर चर्चा की मांग रखी। अडानी, मणिपुर, संभल जैसे मामलों पर सदन में बहस की मांग लगातार ठुकराए जाने के बाद प्रतिपक्ष की संविधान पर चर्चा की मांग मान ली गई। इस मौके पर कांग्रेस समेत सभी दलों ने सरकार को लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों की प्रतिबद्धता याद दिलाई। समता, समानता और न्याय के डॉ. अंबेडकर के आदर्शों पर चलने की सलाह बीजेपी को कतई रास नहीं आई। सत्ता पक्ष ने लगातार विपक्ष को बोलने से रोकने की कोशिश की। यही नहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. अंबेडकर का अपमान कर संघ और बीजेपी की मनुवादी मानसिकता उजागर कर दी।
अमित शाह ने कहा कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। आरक्षण खत्म करने की साजिश के तहत बीजेपी की संविधान बदलने की कोशिश को 2024 के आम चुनाव में जनता ने नाकाम कर दिया था और बैसाखी सरकार बना कर लोकतांत्रिक मूल्यों का पाठ पढ़ाया था। लेकिन बीजेपी ये खीज अब संविधान निर्माता पर निकाल रही है और बाबा साहेब का अपमान किया गया है। लेकिन दुख की बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमित शाह को सीख देने के बजाय आरोप- प्रत्यारोप की राजनीति तेज कर दी।
कांग्रेस समेत प्रतिपक्ष ने पीएम मोदी से अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है। लेकिन मोदी सरकार डॉ. अंबेडकर के अपमान को अपराध मानने को तैयार नहीं है उल्टे बीजेपी ने संसद की कार्रवाई ठप रखी। यही नहीं अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सांसदों के साथ धक्का मुक्की की गई। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गिरा दिया गया। बीजेपी ने षड़यंत्र के तहत नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ संगीन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करा दी गई।बीजेपी और उसकी मातृ संस्था हमेशा से डॉ. आंबेडकर और संविधान विरोधी रही है. इन्होंने न सिर्फ संविधान के निर्माण के समय से ही विरोध किया, बल्कि इससे पहले डॉ. आंबेडकर को चुनाव हरवाया था। कांग्रेस डॉ. आंबेडकर के अपमान को लेकर अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर अटल है। जब तक अमित शाह इस्तीफा नहीं देंगे, हम विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

Yogesh Porwal
Author: Yogesh Porwal

वर्ष 2012 से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। राष्ट्रीय समाचार पत्र हमवतन, भोपाल मेट्रो न्यूज, पद्मिनी टाइम्स में जिला संवाददाता, ब्यूरो चीफ व वर्ष 2015 से मन्दसौर से प्रकाशित दशपुर दिशा समाचार पत्र के बतौर सम्पादक कार्यरत, एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला स्तरीय अधिमान्य पत्रकार है। पोरवाल, खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित है तथा खोजी पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित भी किए जा चुके है। योगेश पोरवाल ने इग्नू विश्वविद्यालय दिल्ली एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, न्यू मीडिया में पीजी डिप्लोमा और मास्टर डिग्री प्राप्त की, इसके अलावा विक्रम विश्वविद्यालय से एलएलबी, एलएलएम और वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय से सायबर कानून में अध्ययन किया है।

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