दीपक गुर्जर के नेतृत्व में किसानो ने किया नारकोटिक्स विभाग का घेराव

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मंदसौर। किसान नेता दीपक सिंह गुर्जर के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने नारकोटिक्स कार्यालय का घेराव कर किसानों के साथ हो रही विभाग की ज्यादतियों का विरोध दर्ज करवाया। किसानों ने मांग रखी कि नवीन सीपीएस के जो पट्टे जारी किए जा रहे हैं उनमें प्रत्येक लाइसेंसधारी से 80000 रुपए से लेकर दो लाख रु.तक की अवैध मांग नाकोटिक्स विभाग के कुछ अधिकारियों की मदद से दलालो द्वारा मांगे जा रहे,चूंकि अभी जारी किए जा रहे नवीन पट्टे जो कि लगभग 30 साल पुराने हैं उनमें 90% से अधिक लाइसेंसधारी की मृत्यु हो चुकी है और उसी वजह से मृतक नामांतरण के नाम पर लाइसेंसधारी के परिवार के वारिस का नाम जोड़ने के लिए एक लाख रु.तक की अवैध मांग की जा रही है और न देने पर नवीन पट्टे को काट दिए जाने तक की धमकीं दी जा रही है। साथ ही सीपीएस पद्धति वाले वे किसान जिन्होंने बीते वर्ष 23-24 में अफीम की बुवाई की थी और विभाग को डोडा दिया था उसकी कितनी मात्रा दी जानी चाहिए थी उसे विभाग द्वारा ठीक से प्रचारित नहीं किया गया और अब जाकर साल भर बाद विभाग द्वारा बताया गया कि किसानों को उन्हें 67.50 किलो डोडा दिया जाना चाहिए था।जिससे कई हजार किसानों के पट्टे रोक दिए गए।जो कि सरासर गलत है और विभाग को उन रोके गए पट्टो को तुरंत जारी करना चाहिए। किसानों ने बताया कि सीपीएस वाले अफीम उत्पादक किसान से जब शासन डोडा लेता है तो उसका शासकीय मूल्य 200 रु /किलो और अफीम को मार्फिन के आधार पर 1800रु/किलो के मान से लेता है जबकि वहीं डोडाचूरा जब कही अवैध परिवहन या तस्करी में बरामद होता है तब उसका अंतरराष्ट्रीय मूल्य एक लाख रु/किलो बताया जाता है और अफीम की तस्करी में जप्त हुई अफीम की अंतरराष्ट्रीय मूल्य 3 से 5लाख रु तक की कीमत के बताए जाते है,ऐसे में विभाग को डोडाचूरा और अफीम के दामों की पुनः समीक्षा करनी चाहिए और 200रु से बढ़ाकर 2000रु/किलो और अफीम के शासकीय दाम 1800रु/किलो से बढ़ाकर 10000रु/किलो किया जाना चाहिए। इससे न सिर्फ किसानों को लाभ होगा अपितु तस्करी और अवैध परिवहन भी समाप्त होने की संभावना बढ़ेगी। साथ ही जब अफीम उत्पादक किसान अपनी फसल तैयार कर शासन को दे चुका होता है तब उस समय भी डोडा उखड़वाने के नाम पर किसानों से लाखों रुपए की अवैध वसूली होती है उसे भी बंद किया जाना चाहिए और किसानों को स्वतः ही डोडा उखड़वाने की अनुमति दी जानी चाहिए। नारकोटिक्स आयुक्त ग्वालियर के नाम दिए ज्ञापन नारकोटिक्स अधिकारी आर सिंह ने प्राप्त किया। इस अवसर पर किसान नेता गोविन्द सिंह पंवार, जगदीश धनगर फौजी,रूपल संचेती, संदीप सलोद, राकेश कुमावत, अजहर हयात मेव, नानालाल धामनिया, सुरेश पाटीदार, रंगलाल धनगर, सुरेश टेलर, बद्रीलाल धनगर, किशोर गोयल,पंकज कटारिया, जनपद सदस्यगण लालचंद गुर्जर, रामप्रसाद वर्मा, अर्जुन गुर्जर, मुकेश बामनिया, पद्मेश सोलंकी, अनिल धनगर नयाखेड़ा, सुखदेव कुमावत, मोहन खारोल, वर्षा सांखला,अनिल राठौर एडवोकेट, पीयूष जैन, विनय राजोरिया एडवोकेट, वसीम खान, विजय सिंह सोलंकी, संजय सिंह सोलंकी, फिरोज खान, अब्बास भाई भरड़ावद, विष्णु चंद्रवंशी, मनसब अली, कपिल सुरावत, बंटी जैन, शीतल सिंह बोराना, सत्यनारायण पाटीदार बूढ़ा,मोहनलाल राठौर, अशोक गुर्जर नागदा, ईश्वर सूर्यवंशी, नेहा जैन, कारुलाल पाटीदार, कोमलराम वाघेरिया, राजू पाटीदार,नीलम वीरवाल, युनुस मेव, प्रहलाद शर्मा, मोहन खारोल,अजय सोनी, शुभम कुमावत, विजय जैन, नितेश सतिदासानी, अकरम खान, गोविन्द सिंह डोराना, पद्मेश सोलंकी, बालाराम पाटीदार पिपलिया कराड़िया,बापूसिंह सिसोदिया, अजीज लाला, डॉ फरीद तुमड़वाड़ा, घनश्याम चौहान, शम्सू भाई मंसूरी कचनारा, हेमंत शर्मा, प्रकाश कुमावत, शंकर धनगर, विशाल अहिरवार आदि सैकड़ों किसान विरोध प्रदर्शन में उपस्थित रहे। ज्ञापन का वाचन किसान नेता और जिला पंचायत सदस्य दीपक सिंह गुर्जर ने किया।

Dashpur Disha
Author: Dashpur Disha

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